जलडेगा:महिलाओं को आय में बढ़ोतरी व ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले बेरोजगारों को स्वरोजगार दिलाने के उद्देश्य से जेएसएलपीएस जलडेगा द्वारा एक दिवसीय व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान विशेषज्ञों ने मधुमक्खी पालन को बेहतर विकल्प बताते हुए इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। प्रशिक्षण के दौरान मधुमक्खी पालन से शहद के उत्पादन की जानकारियां दी गई। प्रतिभागियों को बताया कि मधुमक्खी पालन के लिए अधिक जमीन की आवश्यकता नहीं होती है। किसान अपनी परंपरागत खेती के साथ मधुमक्खी पालन कर सकते हैं। वहीं महिलाओं को इटालियन मधुमक्खी पालन के बॉक्सों का विभाजन, शहद निष्कासन की विधि, मधुमक्खी में लगने वाली बीमारियां एवं कीट का प्रबंध आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।बीपीएम मुकुल खाखा ने बताया कि सखी मंडल सदस्यों को आजीविका संवर्धन से जोड़ने के क्रम में जलडेगा जेएसएलपीएस के द्वारा मधुमखी पालन परियोजना अंतर्गत प्रखंड के सखी मंडल सदस्यों और बढ़ाई को एक दिवसीय बक्शा बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। वितीय वर्ष 2023-24 में प्रखंड में मधुमखी पालन कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। इस वर्ष 150 किसानों को परियोजना से जोड़ने का लक्ष्य है। कृषकों को वैज्ञानिक तरीके से मधु उत्पादन करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान सीसी बेलमती बोदरा, हीरामनी गुड़िया, मार्सेला तिग्गा, दिव्या लुगुन सहित कई अन्य महिलाएं मौजूद थीं।
