सिमडेगा:आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा को सलडेगा सरना समिति द्वारा आसारी पूजा का आयोजन किया गया सलडेगा ग्राम के महान बाबूलाल उरांव के पूजार बिरसा मुंडा द्वारा विधिवत पारंपरिक विधि विधान के साथ पूजा कराया।पहान बाबूलाल मांझी ने बताया आसारी पूजा मुख्य उद्देश्य यह है कि प्रकृति में विभिन्न तरह के फल फूल आदि होता है प्रकृति फल में जामुन कटहल इत्यादि है ।परंपरा के अनुसार आसारी पूजा सबसे पहले आदि देवता को भोग लगाने के पश्चात खाने की परंपरा है। बताया गया कि सरना संस्कृति के अनुसार प्रकृति का पूजा करना सबसे प्राचीन परंपरा है और उसी परंपरा को बरकरार रखते हुए अषारी पूजा का आयोजन किया गया सरना समिति के अध्यक्ष पुना बेसरा ने बताया कि आषारी पूजा के बाद से सभी प्रकार के फलों का लगाया जाता है इस मौके पर पारंपरिक विधि विधान के साथ प्रकृति देव की पूजन किया गया इस मौके पर मुख्य रूप से अध्यक्ष पुना बेसरा जगमोहन भोय, दीनानाथ भोय रितेश नंदलाल, मुरारी, विजय उरांव, हरिश्चंद्र भगत, कमल महतो, मनोज उरांव, आदि गांव के महिलाएं उपस्थित रहे।
