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उड़ीसा के वेदव्यास से पदयात्रा करते हजारों की संख्या में कांवरिया पहुंची सिमडेगा

भगवा रंग में रंगा सिमडेगा हर-हर महादेव के गूंजे जय घोष

विकास साहु

सिमडेगा:शिवभक्ति की डोर से बंधे झारखंड और ओडिशा के सनातन संबंध का सशक्त उदाहरण सोमवार को सिमडेगा की सड़कों पर दिखा। सावन माह की तीसरी सोमवारी के अवसर पर ओडिशा के पवित्र स्थल त्रिवेणी संगम वेदव्यास से उठा आस्था का ज्वार सोमवारको सिमडेगा तक पहुंचा। सिमडेगा पहुंचते ही पूरा सिमडेगा भगवामय हो गया और हर हर महादेव के जयघोष के साथ पूरा सिमडेगा गूंजने लगा ।कांवरिया सेवा संघ, सिमडेगा के बैनर तले हजारों की संख्या में कांवरिए शनिवार को ओडिशा के वेदव्यास रवाना हुए थे। वहां के संगमस्थल से जल उठाकर 75 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए कांवरियों का दल रविवार रात सिमडेगा पहुंचा।भगवा वस्त्र धारण किए कांवरियों ने बोल बम का उद्घोष करते हुए वातावरण में भक्तिरस घोल दिया। इधर शहरवासी कांवरियों की सेवा में तत्पर दिखे। कांवरियों को टुकुपानी मे ठहराया गया। सोमवार को प्रातः काल शिव भजनों की धुन पर झूमते- थिरकते कांवरिए शहर के प्राचीन और जाग्रत शिव स्थल सरना मंदिर पहुंचें और वहां भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर लोक कल्याण तथा विश्व कल्याण की प्रार्थना किया। उससे पहले कांवरिया की टोली महावीर चौक स्थित हनुमान मंदिर पहुंची जहां पर भव्य महाआरती का आयोजन हुआ जहां पर सभी लोगों ने आरती किया जिसके बाद नाचते गाते हुए आगे बढ़े।गौरतलब हो वेदव्यास के पवित्र जल और सरना मंदिर के भगवान भोलेनाथ का यह संबंध लगभग दो दशक पुराना है। आयोजन में संजय बड़ालिया, सत्येंद्र रोहिल्ला शुरुआती दौर से अब तक सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं।शहर के धार्मिक- सामाजिक संगठनों के दर्जनों कार्यकर्ता इस आयोजन में अपना योगदान देते हैं। आयोजन में प्रारंभ से ही शिवभक्तों का काफी सहयोग मिलता रहा और अब यह काँवर यात्रा भव्य रूप ले चुकी है। शिव आराधना के पवित्र सावन माह में शिवभक्तों को इस कांवर यात्रा की प्रतीक्षा रहती है।इस वर्ष लगभग 3000 से अधिक कांवरिए इस यात्रा में शामिल हुए। इनमें काफी संख्या में महिलाएं भी हैं, जिन का उत्साह देखते बन रहा है। सिमडेगा पहुंचकर सरना मंदिर तक जाने में लगभग 75 किलोमीटर तक की इस यात्रा के दौरान काँवरिया सेवा संघ द्वारा कांवरियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाता है। संघ की ओर से यात्रियों के लिए नाश्ते, भोजन, दवा, विश्राम आदि की व्यवस्था की जाती है।

वेदव्यास में तीन नदियों का है संगम, यह तपोस्थली है

ओडिशा में राउरकेला के नजदीक स्थित वेदव्यास एक पवित्र स्थल है। यहां कोयल, शंख और सरस्वती नदी का संगम और ब्राह्मणी नदी का उद्गम होता है। इस स्थल को महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास की तपोस्थली माना जाता है।

पूरे रास्ते पर बजरंग दल की टीम लोगों को चिकित्सा सुविधा कराया मुहैया

कांवरिया सेवा संघ के बैनर तले आयोजित इस भव्य कावड़ यात्रा में बजरंग दल पूरी तरह से सेवा में तन्मयता के साथ जुटी हुई रही जगह जगह पर कांवरिया की सेवा के लिए उन्होंने पानी दवाई खाने पीने की आवश्यक वस्तु सहित कई प्रकार की सुविधा देते हुए नजर आए। शनिवार को पूरे रास्ते भर में कांवरिया की सेवा की गई जिसके बाद बीरमित्रपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर में सेवा दिया गया वहीं जिसके बाद पूरे रास्ते भर लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराते हुए सिमडेगा सुविधा दी गई उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष इसी प्रकार बजरंग दल कांवरिया की सेवा में डटकर खड़ा रहेगा। बताया गया कि नर सेवा ही नारायण की सेवा है। इधर कांवरिया सेवा संघ के व्यवस्थापक संजय बड़ालिया एवं सत्येंद्र रोहिल्ला ने सांवरिया सेवा संघ द्वारा आयोजित इस कांवर यात्रा में जिन्होंने भी अपना सहयोग दिया उन्हें आभार व्यक्त करते हुए इसी प्रकार कांवरिया की सेवा करने की अपील की है।

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