सिमडेगा:सोगड़ा चर्च में रविवार को संत इग्नासियुस लोयला का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मौके पर पल्ली पुरोहित फा सिलबानुश केरकेट्टा की अगुवाई मिस्सा पूजा सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा व पाकरटांड़ जिप सदस्य जोसिमा खाखा भी शामिल हुए। विधायक ने अपने संबोधन में कहा कि येसु समाज के संस्थापक संत इग्नासियुस लोयला के पद चिह्न पर चलते हुए येशु धर्म समाज का धर्मप्रांत में सेवा इतिहास स्वर्णीम है। धर्म समाज के फा. कार्डो व फा. जोसेफ द्वारा 1901 में सिमडेगा के रेंगारिह मिशन की स्थापना के साथ किया गया था। सेवेकाई कार्य का रोपा गया बीज वर्तमान में विशाल वृक्ष बन चुका है। उन्होंने कहा वे सांसारिक मोह से बाहर निकल ईश्वरीय जीवन को अपना लिया। कार्य्रकम में मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। मौके पर फादर अब्राहम मिंज, फादर ओस्कर बेग, डिकन सुरेश जॉन तिर्की, सिस्टर मंजुला मिंज, लुसियन मिंज, निर्मला कुजूर, नीलिमा मिंज, समीर किंडो, किशोर मिंज, शशि भूषण मिंज, प्रतिमा कुजूर ,तारा खेस, अलविश बेग, अनिल तिर्की सहित काफी संख्या में मसीही धर्मावलंबी उपस्थित थे। जिप सदस्य जोसिमा खाखा ने कहा कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। संत इग्नासियुस लोयला ने भी 33 वर्ष की उम्र में छोटे बच्चों के साथ बैठकर लैटिन पढ़ा। इसके बाद बीए, एमए व ईश शास्त्र की पढ़ाई पूर्ण कर 1537 में पुरोहित बने। पढ़ाई के दौरान ही संत फ्रांसिस जेवियर जैसे धार्मिक प्रवृति के विद्वान मित्र ने उन्हें प्रभावित किया।पुरोहित बनने के बाद 1540 में उन्होंने 11 साथियों से मिल कर येशु समाज का स्थापना किया
