अपनी संतानों के लम्बी आयु के लिए माताओं ने किया जीवित्पुत्रिका व्रत

केरसई: अपने पुत्र की लंबी आयु की कामना को लेकर महिलाओं ने विधि विधान के साथ शुक्रवार को केरसई में जीवित्पुत्रिका व्रत किया माताओ ने 36 घण्टे का निर्जला  जितिया व्रत किया।मान्यता है कि माताएं इस दिन अपनी संतानों की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन के लिए निर्जला उपवास करती हैं ,हर वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जीवित्पुत्रिका का व्रत किया जाता है ।धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक जितिया व्रत को करने से संतान दीर्घायु होते हैं और उन पर आने वाला हर संकट टल जाता है।पंडित गोपाल ने जीवित्पुत्रिका की पूजा कराते हुए कथा में कहा कि महाभारत युद्ध के दौरान जब द्रोणाचार्य की मृत्यु हुई तो इसका बदला लेने के लिए उनके पुत्र अश्वत्थामा ने क्रोध में आकर ब्रह्म शास्त्र चला दिया जिसकी वजह से अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई तब भगवान श्रीकृष्णा उत्तरा की संतान को फिर से जीवित कर दिया। बाद में उसे बच्चे का नाम जीवित्पुत्रिका रखा गया कहते हैं कि तभी से अपनी संतान की लंबी आयु के लिए माताएं जितिया का व्रत करने लगी।इधर केरसई के नर्मदेश्वर महादेव मंदिर प्राँगण में ढेरों महिलाओं ने सामूहिक रूप से जितिया का पूजन किया। इस दौरान पूरे विधि विधान के साथ पुरोहित नवीन मिश्रा ने पूजा अर्चना करवाई और कथा का वाचन किया।माताओं ने व्रत रखकर संतान के दीर्घायु होने की भगवान से प्रार्थना की।

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