सिमडेगा:झारखंड राज्य एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ के आह्वान पर जिले के एमपीडब्ल्यू स्वास्थ्य कर्मचारी अपने विभिन्न मांगों को लेकर काला बिल्ला लगाकर कार्य करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। बताया गया कि 18 जनवरी को भी वो लोग काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। मौके पर एमपीडब्ल्यू कर्मियों ने कहा कि वर्ष 2016 से आज तक 6 वर्ष के दौरान विभाग के अधिकारियों एवं राज्य सरकार की उदासीनता के कारण एमपीडब्ल्यू के मानदेय में एक पैसे की भी वृद्धि नहीं हुई। जबकि एमपीडब्ल्यू अपने मूल कार्य के अलावा कोरोना काल में फ्रंट वर्कर के रूप में कार्य कर रहे हैं। दो दिनों तक काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन करने के काद 19 एवं 20 को सभी कर्मी अपने अपने शरीर पर मांग पत्र का तख्ती लगाकर कार्य करेंगे। वहीं 21 को जिलों मे भूख हड़ताल मे रहते हुए कार्यों का संपादन किया जाएगा। 22 को सिविल सर्जन को मांग पत्र सौंपेंगे एवं 24 जनवरी को एक दिनी सांकेतिक हड़ताल पर चले जाएंगे। इसके बाद भी मांगे पूरी नहीं होने पर पूर्ण रूपेण कार्य बहिष्कार और हड़ताल में चलेग जाएंगे।
सात सूत्री मांगों को लेकर किया जा रहा है विरोध प्रदर्शन
संघ के जिलाध्यक्ष विजय राम ने कहा कि विरोध प्रदर्शन राज्य के सभी एमपीडब्ल्यू को आरसीएच के तर्ज पर अभिलंब विभाग में समायोजन करने, विभाग में लंबित वेतन वृद्धि की संचिका को अभिलंब वित्त विभाग भेजने हेतु कैबिनेट की स्वीकृति करते हुए समायोजन होने तक वेतन में वृद्धि करने, प्रदेश अध्यक्ष के साथ अभद्र व्यवहार करने वाले अधिकारी परनियम संगत कानूनी कार्रवाई करने, कोरोना का कार्य कर रहे हैं सभी एमपीडब्ल्यू का 50 लाख रु का जीवन बीमा करने, 2020 की तरह 2021 में भी एक माह का अतिरिक्त वेतन देने, करोना कार्य में लगे सभी एमपीडब्ल्यू को टीए डीए की व्यवस्था करने, कोरोना काल में सप्ताहिक छुट्टी एवं अन्य छुट्टी के दिन कार्य करने हेतु अतिरिक्त मानदेय की व्यवस्था करने की मांग को लेकर किया जा रहा है।
