बाल विकास विभाग एवं समाज कल्याण विभाग की योजनाओं का डीसी ने की समीक्षा

सिमडेगा :- उपायुक्त सिमडेगा सुशांत गौरव की अध्यक्षता में महिला बाल विकास एवं जिला समाज कल्याण विभाग अन्तर्गत संबद्ध कार्यालय के कार्यों की समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ। उपायुक्त ने सूचना भवन के सभाकक्ष में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण का पहला कदम संस्थागत प्रसव है, जीवन से हीं मनुष्य का मोल है, गर्भवती महिलाओं का शतप्रतिशत संस्थागत प्रसव एवं स्वच्छ शरीर से हीं मनुष्य जीवन का आधार है। प्रखण्डवार संस्थागत प्रसव प्रतिवेदन की समीक्षा के क्रम में कार्य प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की, वहीं महिला पर्यवेक्षिका की बैठक में अनुपस्थिति के साथ कार्य में लचर स्थिति को देखते हुए स्पष्टीकरण के साथ वेतन अवरूद्ध करने का निर्देश दिया। उन्होने कहा कि कार्य के लक्ष्य को पूर्ति करने से नहीं होगा, वास्तविक स्थल में गभर्वती महिला का निर्धारित तिथि व असमय होने वाले प्रसव की जानकारी महिला पर्यवेक्षिका को आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका, सहायिका के माध्यम से ग्राउण्ड में स्ट्रोंग रूप से सचेत करते हुए कार्य करने की बात कही। जिले की महिला का जिले से बाहर संस्थागत प्रसव होने पर, उसका डेटा भी जोड़ने की बात कही। जिले में शतप्रतिशत संस्थागत प्रसव हो यह सुनिश्चित करें।

उन्होने आंकड़ों के आधार पर प्रखण्डों के संस्थागत प्रसव की स्थिति को देखते हुए संबंधित पर्यवेक्षिका से आवश्यक जानकारी ली। सदर प्रखण्ड के महिला पर्यवेक्षिका ने 10-12 गभर्वती महिलाओं की संख्या से अवगत कराया। उपायुक्त ने सिमडेगा प्रखण्ड को तीन भाग में बांटा और अंकित संख्या के आधार पर प्रखण्ड अन्तर्गत होने वाले संस्थागत प्रसव की संख्या में वृद्धि होने की गुंजाईश बताई। जो प्रति सप्ताह होगी। उन्होने कहा कि एक्चुअल ग्राउण्ड में गभर्वती महिला एक भी न छुटे, इस दिशा में महिला पर्यवेक्षिका को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दियें। उन्होने कहा कि दिन और रात की बात न करें, कार्य भी आपको हीं करना है, और शतप्रतिशत संस्थागत प्रसव हो भी सकता है। प्लानिंग ऐसा करें कि कोई छुटे न, तत्काल सहायत हेतु मिलने वाली सुविधाओं को मुस्तैद रखें। नजदीकी एम्बुलेंस सेवा एवं ममता वाहन के मोबाईल नम्बर का ग्रामीणों के घर के दिवाल एवं सरकारी भवनों में नम्बर अंकित करने की बात कही।
बानो प्रखण्ड मे संस्थागत प्रसव की समीक्षा के क्रम में कहा कि सूची है जो महिलाएं गर्भवती है, परन्तु नेट रिजल्ट सामने नहीं आ पाता है। उन्होने परियोजनावार रोस्टर निकाल कर वर्ष 2021-22 में कुल गभर्वती महिला, कितने का संस्थागत प्रसव हुआ, कितनो का घर में हुआ, इन बिन्दुओं का एनेलाईसिस करने साथ हीं जिला से कार्य का फार्मेट तैयार कर महिला पर्यवेक्षिका को सुपूर्द करने का निर्देश दिया। उन्होने महिला पर्यवेक्षिकाओं को शतप्रतिशत संस्थागत प्रसव हो, इस दिशा में स्वंय के विवके का भी प्रयोग करने की बात कही। समर अभियान की समीक्षा के क्रम में रिसोर्स ग्रुप, पोषण दल का गठन के बारे में जानकारी ली। वहीं सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में ग्रोथ मोनेट्रींग डिवाईस की समीक्षा के क्रम में कहा कि मोनेट्रींग डिवाईस मे किसी प्रकार की समस्या है तो बता दें, दुरूस्त कर दिया जायेगा। आंगनबाड़ी केन्द्र को बच्चों के उपचार केन्द्र के रूप में शुरू किया जायेगा। डिजिटल हिमोग्लोबिन मिटर भी सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में है। पोषण एवं कुपोषण से संबंधित कार्यों की समीक्षा के क्रम में कहा कि जिस क्षेत्र में कुपोषित बच्चे पाये गये है, वहां पोषण के क्षेत्र में महिला पर्यवेक्षिका के द्वारा क्या किया जा रहा है। उन्होने कार्य की अभिरूचि को बढ़ाने की बात कही। गांव, टोला के सरकारी भवन व ग्रामीण के घरों के दिवाल में पोषण अभियान का लार्ज स्कैल पर दिवाल लेखन करने की बात कही, जहां पोषण के प्रति क्या करना है, क्या नहीं करना है साथ हीं कुपोषण को गांव-टोला से खत्म करने के महत्वपूर्ण बिन्दुओं की जानकारी अंकित करने की बात कही। जो बच्चे कुपोषित पाये गए है, वे दुबारा कुपोषण के शिकार न हो। जागरूकता के माध्यम को अपनायें, ग्राम-पंचायत स्तर पर आयोजित बैठक में चर्चा करें, जितने को चिन्हित किये है, उनका ड्रिटमेन्ट और फ्लोअप लगातार करने रहने का निर्देश दिया। फ्लोअप चार्ट तैयार करने की बात कही। प्रखण्डवाईज प्लानिंग करें। बानो बड़ा प्रखण्ड है, वहां बड़ा प्लानिंग करें।

Lकुपोषित बच्चों की सूची के प्लान की समीक्षा की। घर-घर जाकर पोषण के क्षेत्र में किये जाने वाले कार्यों का रजिस्टर मेन्टेन की बात कही साथ हीं साप्ताहिक कार्य की समीक्षा बैठक करने का निर्देश दिया।

पूरक पोषाहार का वितरण ससमय कराते रहने की बात कही। प्रधानमंत्री मातृ वदना योजना की समीक्षा के क्रम में कहा कि पोषण ट्रेकर डाटा इन्ट्री के कार्यों का अविलम्ब पूर्ण करें। अन्तिम मौका दिया। उन्होने वन स्टोप सेन्टर, बाल संरक्षण इकाई, बाल तस्करी, बाल मजदूरी की भी समीक्षा की। ई-श्रम पोर्टल में एक लाख 17 हजार 313 श्रमिकों का अबतक निबंधन किया जा चुका है। उपायुक्त ने इसके अलावे अन्य महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दियें।

बैठक में अनुमण्डल पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक, नियोजन पदाधिकारी, सदर अस्पताल उपाधीक्षक, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, जिला, महिला पर्यवेक्षिका व अन्य उपस्थित थें।

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