ठेठईटांगर: प्रखण्ड के प्रमुख कार्यलय कक्ष में संयुक्त ग्राम सभा का बैठक बिरबल बड़ाइक के अध्यक्षता में संपन्न हुआ। जिसमें मुख्य रूप से जिला ग्राम सभा मंच सिमडेगा सह झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष समर्पण सूरीन, सामाजिक सलाहकार अनूप लकड़ा उपस्थित थे। समर्पण सूरीन ने कहा कि वर्तमान समय में ग्राम सभा का अवहेलना खुलेआम किया जा रहा है, ग्राम सभा से योजनाओं का चयन किया जाना है। परन्तु यह काम वर्तमान में किसी एक दो व्यक्तियों के हाथों संचालित किया जा रहा है। बस नाम मात्रा का बैठक कर योजना बनाई जा रही है ,जिसको ग्राम सभा कताई स्वीकार नहीं करेंगे। आगे कहा कि आज हमारे गांव के जंगल में वनोपज का अपर भण्डार है ,परन्तु हम नहीं जानते कि वनोपज का संग्रह, विपणन कैसे और कहां करें, इसके बारे में प्रत्येक ग्राम सभा को जानकारी और उनके प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है। साथ ही कहा कि जल जंगल जमीन हमारे पूर्वजों ने विरासत के रूप में दे कर गए हैं। जिसे हम सभी लोगों को सहेज कर रखना होगा ,क्योंकि हमारे पूर्वजों ने जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए बड़ी आंदोलन के बदौलत ही हमें सुरक्षित रूप से मिली है। इसलिए सजग रहने की जरूरत है जरूरत पड़ी तो आंदोलन के लिए तैयार रहना होगा। अनुप लकड़ा ने कहा कि सिमडेगा जिला में वन अधिकार कानून 2006 के तहत लंबित सामुदायिक दावों का निष्पादन अभी तक नहीं करना विभागीय पदाधिकारी की लापरवाही/ निष्क्रियता को दर्शाता है। जबकि सरकार ने इन्हें त्वारित निष्पादन हेतु आदेश जारी किया था। संबंधित विभागीय पदाधिकारी का यह गतिविधियों से यह संदेह होता है ,कि सिमडेगा के विभिन्न ग्राम सभाओं को उनके हक और अधिकार से वंचित करना और वन अधिकार पट्टा से वंचित करने की मनसा है ।इनके इस रवैया को देखते हुए जिला ग्राम सभा मंच अब प्रत्येक प्रखंडों में प्रखण्ड स्तरीय ग्राम सभा मंच गठन कर ग्राम सभा को सशक्त करेगी। उक्त विषय पर चर्चा के उपरांत प्रखण्ड स्तरीय ग्राम सभा मंच ठेठईटांगर का गठन निम्न प्रकार किया गया।जिसमें अध्यक्ष सिप्रियन समद उपाध्यक्ष राजेश डुंगडुंग,रोयन डांग, सचिव सुनिल डुंगडुंग उपसचिव अनिल सुरीन कोषाध्यक्ष अनिमा जोजोवार बने साथ ही प्रत्येक ग्राम सभा से तीन तीन सदस्यों को चुना गया। मौके पर जोनसन डांग , प्रिंसिला डुंगडुंग,जोहान बरला, उज्जवल सोरेंग,रीता मिंज, शोशंती मिंज, सुनील मिंज सहित विभिन्न ग्राम सभा के प्रतिनिधि गण उपस्थित थे।
