कुंभकर्णी नींद में सोया है वन विभाग, ठेकेदारी में व्यस्त हैं राजनीतिक दलों के स्थानीय प्रतिनिधि

लोगों ने कहा हाथी को खदेड़ने पर ही इस बार देंगे वोट

जलडेगा:जलडेगा में जंगली हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन किसी ना किसी गांव में जंगली हाथी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। जंगली हाथियों के आतंक के कारण लोग शाम ढलने के बाद अपने घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। शाम होने के बाद घर से निकलने वाले लोग अपने परिचितों के संपर्क में रहते हुए चलते हैं ताकि उन्हें हर पल की सूचना मिलते रहे। शुक्रवार की रात कूटिंगिया सेरेंगदा में जंगली हाथी ने असेयानी बडिंग, पति सिमोन बडिंग, मगदली तोपनो, पति स्व मार्टिन तोपनो के घर में धावा बोल दिया। इस दौरान हाथी ने दोनों कच्चे मकानों को अपना निशाना बनाया और उसे ध्वस्त कर क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद हाथी ने मकान के अंदर रखे अनाज को भी अपना निवाला बनाया और कई घरेलू सामग्रियों को भी नष्ट कर दिया। इस घटना में कोई जख्मी नहीं हुआ है। महीनों से यह जंगली हाथी ने जलडेगा के पहाड़ी इलाकों में घूम रहा है और रात होते ही गांव की ओर आकार घरों को ध्वस्त कर घर में रखे अनाजों को खाकर अपना पेट भरता है। पिछले एक महीना में अब तक लगभग 50 से अभी अधिक घरों को हाथी अपना निशाना बना चुका है। इसके अलावा जंगली हाथी रोज किसी ना किसी गांव में खेतों या बाड़ी में लगी फसल को अपना निवाला बना रहा है। रोज किसी ना किसी गांव में हाथी द्वारा उपस्थिति दर्ज कराए जाने के बाद भी वन विभाग उसे वापस जंगल में पहुंचाने की दिशा में सार्थक कदम नहीं उठा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया है। जंगली हाथियों को लेकर बार-बार गुहार लगाए जाने के बाद भी विभाग के कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा है। जंगली हाथियों से ग्रामीणों को हो रही परेशानी राजनितिक पार्टी के स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी दिखाई नहीं दे रहा है सब के सब ठेकेदारी में व्यस्त है, हाथी भागने के नाम पर सब राजनीति करने आते हैं एक दो बोरा, जला हुआ मोबिल और 5 किलो चावल देकर पीड़ित परिवारों के साथ फोटो खींचा कर हमे मजाक बना देते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले यदि हाथी को गांव से नही खदेड़ा गया तो गांव के लोग न तो किसी से मदद की अपेक्षा करेंगे और न ही वोट देंगे।

Related posts

Leave a Comment