घाघरा:– “जल ही जीवन है” का नारा आजकल महज एक वाक्यांश बनकर रह गया है। गर्मी के मौसम में जल की महत्ता सबके लिए स्पष्ट होती है, लेकिन इस वर्ष घाघरा प्रखंड के बाजार टांड में जल संकट गहराता जा रहा है। यहां पेयजल आपूर्ति विभाग की लापरवाही के कारण प्रतिदिन हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों को संकट का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार ने जल संरक्षण के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, लेकिन उनके सकारात्मक परिणाम अब तक दिखाई नहीं दे रहे हैं। सरकार का पीएचडी विभाग इस मामले में गंभीरता से कदम नहीं उठा रहा है। करोड़ों रुपए की लागत से स्थापित ‘हर घर जल योजना’ का लक्ष्य अधूरा है, क्योंकि कई घरों में पेयजल की पाइपलाइन कनेक्शन तक नहीं हो पाई है। इसके बावजूद, पानी को बिना किसी ठोस योजना के चालू कर दिया गया है, जिससे पानी का बर्बादी हो रही है।
पाइपलाइनों में लीकेज हजारों लीटर पानी की बर्बादी
बाजार टांड में पाइपलाइन में लीकेज के कारण ना केवल स्थानीय बाजार, बल्कि मेन रोड पर भी पानी बह रहा है। विभाग ने इस समस्या को हल करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन नियमित देखरेख के अभाव में स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्हें न केवल पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि जब पानी बर्बाद हो रहा है, तो यह स्थिति और भी चिंताजनक हो जाती है।
स्थानीय निवासियों को हो रही परेशानियां
स्थानीय लोग इस समस्या से बेहद परेशान हैं। “हमारे पास पीने के लिए साफ पानी नहीं है, और इधर हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है,” एक स्थानीय निवासी ने कहा। उन्होंने सरकार से अपील की है कि इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जाए ताकि जल संकट को खत्म किया जा सके।