सिमडेगा :- उपायुक्त सुशात गौरव की अध्यक्षता में सोमवार को समर अभियान की समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ।इस दौरान बिन्दु वार ग्राउण्ड पर क्रियाशील कार्य एवं अभिरूचि लेते हुए अबतक अभियान से हुये बदलाव की विस्तृत चर्चा करते हुए समीक्षा की गई। समर शब्द का मतलब जिले में कुपोषण एवं एनिमिया की परम्परा जो कि मानव शरीर के स्वास्थ्य को अस्वस्थ्य करता है, इस ओर पूरी तन्मयता के साथ ग्राउण्ड में टीम कार्य कर रही है। उपायुक्त ने कहा कि बीडीओ, सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिका का समर अभियान में लीड रोल है, जो कि धारातल पर अभियान के सफलता को लेकर कार्य कर रहें है परन्तु अभिरूचि की अभिलाश कई प्रखण्डों में कम पाया गया है, इस ओर सुधार करें।ठेठईटांगर प्रखण्ड के समीक्षा की क्रम में उन्होने कहा कि महिला पर्यवेक्षिका टीम के आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका के द्वारा जो बच्चे स्वास्थ्य लाभ के लिए कुपोषण केन्द्र में आते है, उनका इलाज कराया जाये, बच्चे के अभिभावक को मिलने वाले सहायता राशि का लाभ समय पर दिलाने की बात कही।बानो एवं बोलबा प्रखण्ड में समर अभियान के क्रियान्वयन बेहतर कार्यप्रणाली उभर कर सामने आई, उपायुक्त सहित उपस्थित पदाधिकारियों एवं महिला पर्यवेक्षिका के कर्मियों ने महिला पर्यवेक्षिका का तालियो से कार्य का सम्मान एवं उत्साह वर्धन किया।जलडेगा प्रखण्ड में भी अच्छा कार्य किया जा रहा है। उपायुक्त ने कहा कि स्वंय भी ग्रामीण के घर जाकर देखे कि जो बातें ग्रामीणों को एनिमिया एवं कुपोषण को खत्म करने के प्रति जागरूक किया गया है।बोलबा प्रखण्ड की समीक्षा के क्रम में कहा कि एमटीसी में भर्ती बच्चों का फिडबैक लेते रहें। अभियान के क्रियान्वयन में अगर किसी प्रकार की आवश्यकता एवं कमी होने पर रिर्पोट करने का निर्देश दिया।समर अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु जिला स्तर से चिकित्सा विभाग को 0-6 माह के बच्चें, समाज कल्याण विभाग को 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चे, शिक्षा विभाग को 6 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चे, 14 वर्ष से 24 वर्ष के आयु वर्ष के किशोरियों का तेजस्वनी एवं 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चे, गभर्वती एवं धातत्री महिलाओं का जेएसएलपीएस टीम को कुपोषण एवं एनिमिया को पुरी तरह ग्राउण्ड से मुक्त करते हुए जिले को एनिमिया एवं कुपोषण दो श्रेणियों में मुक्त करने की जिम्मेवारी दी गई है। बैठक में सिविल सर्जन, अनुमण्डल पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, डीपीएम जेएसएलपीएस, एमओईसी, महिला पर्यवेक्षिका व अन्य उपस्थित थें।
