सिमडेगा:- झारखंड सरकार एवं इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस हैदराबाद के बीच हुए एमओयू साइन के बाद सिमडेगा जिले में भी पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में जिले में उत्पादित वनोपज पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। जिसके मद्देनजर शनिवार को उपायुक्त सुशांत गौरव ने वनोपज से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस हैदराबाद के श्रेया जैन, अमित जैन, अभिजित परमार संग बैठक की। मौजके पर उपायुक्त ने कहा कि जिले में अत्यधिक मात्रा में वनोत्पाद उपलब्ध है। यहाँ के जनजातीय समुदाय तथा अन्य ग्रामीण अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए या अपनी जीविका चलाने के लिए पोषण आहार के साथ-साथ वनों से प्राप्त होने वाले विभिन्न उत्पादनों से अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त करते है। अर्थात हम कह सकते है कि वनोत्पाद जनजातीय समुदाय के लिए अतिरिक्त आमदमी का प्रमुख स्त्रोत है। विभिन्न पौधों, पेड़ों के पत्ते, फूल, फल एवं बीज, मशरूम कंद-मूल आदि से वे अपनी जीविका चलाते है, तथा वनों से प्राप्त कुछ प्रकार के घास, तेल प्राप्त होने वाले बीज, गोंद, लाह आदि से वे आमदनी प्राप्त करते है। यह भी देखा गया है की जंगल के अंदर या आस-पास में बसे लोगों को पच्चीस प्रतिशत से ऊपर आय वनों से प्राप्त वनोत्पाद को बेचकर प्राप्त होता है। सखुआ के पत्तों से ही कटोरी एवं दतवन, बीजों से तेल प्राप्त होने वाले विभिन्न पेड़ों जैसे – महुआ, करंज, कुसुम, नीम, सखुआ आदि के बीजों को अधिक मात्रा में जमा कर ग्रामीण इसे बाजार में बेचकर आमदनी प्राप्त करते है। ग्रामीण क्षेत्र में अर्थ व्यवस्था सुधार की दिशा में उपलब्ध संसाधनों को सही दिशा देते हुए पायलेट प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई है। उन्होने कार्यों के क्रियाकलापों की विस्तृत समीक्षा की। परियोजना निदेशक आईटीडीए सलन भुईंया को पायलेट प्रोजेक्ट का नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। इस प्रोजेक्ट में जेएसएलपीएस की टीम का अह्म रोल होगा। इसके अलावे उपायुक्त ने अन्य महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दियें। बैठक में आईटीडीए निदेशक, डीपीएम जेएसएलपीएस, इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस हैदराबाद के प्रोजेक्ट हेड, कम्युनिटी एक्सपर्ट, टेक्नोलॉजी हेड के पदाधिकारी उपस्थित थें।
