सिमडेगा जिले भर में धूमधाम के साथ मनाया गया प्रकृति पर्व करमा बहनों ने भाई की लंबी उम्र की कामना

सिमडेगा: प्रकृति पर्व करमा जिले भर में बड़ी श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया। भादो कर एकादशी करमा गड़ाए रे,चलू करम खेले हाथी पारंपरिक गीतों के साथ बहनों ने मनाया। इस पर्व को लेकर बहनों ने उपवास रखकर अपने भाइयों की कुशलता के लिए भगवान से प्रार्थना की। इधर करमा के मौके पर शहर के सरना स्थल में भव्य मंडप बनाकर करम डाल स्थापित की गई। जहां देर शाम में महिलओं ने सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना की। पाहन के द्वारा पूजा-अर्चना कराई गई। इस मौके पर विधि-विधान पूर्वक पूजन कर महिलाओं ने सामूहिक गीत-नृत्य का आयोजन किया।मौके पर केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष हरिश्चंद भगत ने कहा कि करमा पर्व आदिवासी समुदाय का सबसे बड़ा पर्व है। इस मौके पर हम सभी प्रकृति की पूजा-अर्चना कर पर्यावरण की सुरक्षा व पूजा का भी संदेश देते हैं। यही हमारी परंपरा है और संस्कृति भी। इसके उन्नयन के लिए हम सबों को सदा प्रयत्नशील रहना है। उन्होंने कहा कि करमा प्रकृति से जुड़ा पर्व है। इस मौके पर हम सब प्रकृति की पूजा-अर्चन कर इसकी रक्षा का संकल्प लेते हैं।मौके पर नप अध्यक्ष पुष्पा कुल्लू समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

सरस्वती शिशु विद्या मंदिर रही मुख्य आकर्षण केंद्र

इधर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर प्रांगण में भी धूमधाम से प्रकृति पर्व करमा मनाया गया। जो शहर में मुख्य आकर्षण केंद्र के रूप में रहा जहां पर आकर्षक तरीके से पूरे स्कूल परिसर को सजाया गया था इस मौके पर सात अलग-अलग जगहों पर कर्मा डाली लगाकर बहनों ने विधि विधान के साथ पूजा किया इस मौके पर हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी बताया गया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी करमा पर्व के मौके पर विद्यालय प्रबंधन की ओर से यह कार्यक्रम आयोजित की गई थी जहां पर लोग दूर-दूर से वहां के कार्यक्रम को देखने के लिए पहुंचे थे मौके पर नगर उपाध्यक्ष ओम प्रकाश साहू लेहरु सिंह सहित समाज के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे मौके पर महिलाओं ने सामूहिक रूप से करमदेव की पूजा-अर्चना की।

बानो के केवेटांग में मना करमा महोत्सव

केवेटांग में मूर्ति निर्माण समिति के करमा समिति के तत्वावधान में करमा महोत्सव का आयोजन किया गया। दौरान गांव के महान द्वारा विधि विधान के साथ करमा की डाली आंगन में स्थापित किया जिसके बाद बहनों ने अपने भाई की लंबी आयु की कामना को लेकर कर्मा की पूजा की मौके पर आए हुए आगंतुक अतिथियों ने कहा कि करमा झारखंड का महान पर्व है। ।करमा महोत्सव में बहनों ने उपवास कर करम की डाली की पूजा अर्चना की तथा भाई के दीर्घायु की कामना की।करमा महोत्सव में सैकड़ों बहनों ने पूजा अर्चना की। करमा महोत्सव में विभिन्न गांव के लोगों ने सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसमें करम नाच , डमकच आदि शामिल हैं।


इधर प्रखंडों में भी करमा पूजा का उल्लास छाया रहा। घरों में सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की गई। जिले के कोलेबिरा, जलडेगा, बांसजोर, ठेठईटांगर, बोलबा, कुरडेग और केरसई में भी करमा का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। इधर गोतरा नयाटोली स्थित जगदीश बड़ाईक के घर में करमा पूजा पिछले 75 वर्षों से धूमधाम से मनायी जा रही है। मंगलवार की रात रात विधि-विधान के साथ करम डाली की पूजा अर्चना कर क्षेत्र में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की गई। इसके बाद ढोल, मांदर और नागपुरी गीतों की धुन में लोग रात भर थिरकते रहे। जगदीश के बेटे नीरज बड़ाईक ने बताया कि आज से लगभग 75 वर्ष पूर्व उनके पूर्वजों ने करमा पूजा करना शुरू किया था। इसके बाद से हर साल धूमधाम के साथ करमा पूजा की जाती है। वहीं बुधवार की सुबह विधि विधान के साथ करना डाली को ले जाकर नदी नजदीकी जलाशय में विसर्जित की गई।

Related posts

Leave a Comment