राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार की उपस्थिति में कर्मचारियों को दिया गया प्रशिक्षण
सिमडेगा:जिले में फाईलेरिया उन्मूलन पर पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में प्री टीएएस कार्यक्रम माईक्रो फाईलेरिया सर्वे कार्यक्रम चलाया जाएगा। जो 28 फरवरी तक चलेगा। कार्यक्रम के तहत जिले में पहली बार कीट के माध्यम से तीन प्रखंडों के चयनित स्थानों में फाईलेरिया संक्रमण की जानकारी के लिए ग्रामीणों का खून जांच की जाएगी। कार्यक्रम को लेकर सीएस कार्यालय में बुधवार एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भीबीडी के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार मुख्य रुप से उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि सिमडेगा को फाईलेरिया मुक्त जिला बनाने के लिए सभी पदाधिकारी और कर्मचारी ईमानदारी के साथ काम करें। इसमें किसी तरह की कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि आईडीए कार्यक्रम में सफलता के आधार पर चयनित स्थानों में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। सिमडेगा में पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में चलाया जाएगा। मौके पर सीएस डॉ नवल कुमार, डीआरसीएचओ डॉ. पद्म प्रकाश साह, राज्य से आए डॉ जयंत, डॉ मो अंजुम एकबाल, मलेरिया सलाहकार सुशांत कुमार, डॉ सजल, डॉ केके शर्मा, एमटीएस कुलदीप कुमार, सुनील भगत, सहित विकास कर्मकार, कई एलटी व एमपीडब्ल्यू कर्मी उपस्थित थे।

20 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का होगा खून जांच
डब्ल्यूएचओ के राज्य से आए डॉ अभिषेक ने बताया कि एफटीएस कार्यक्रम में 20 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का कीट के माध्यम से खून जांच किया जाएगा। एफटीएस जांच दिन में भी किया जाएगा। जिसका रिजल्ट दस मिनट के अंदर प्राप्त होगा। जिन मरीजों का एफटीएस जांच में पॉजिटीव पाया जाएगा। उनका दूबारा रात के समय ब्लड नाईट सर्वे किया जाएगा। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

तीन प्रखंड में चलेगा एफटीएस कार्यक्रम .
सीएस डॉ नवल कुमार एवं डीएमओ डॉ संजय कुमार रवि ने बताया कि माईक्रो फाईलेरिया सर्वे कार्यक्रम जिले के तीन प्रखंड में चलाया जाएगा। हरेक प्रखंड में तीन तीन गांवों का चयनित किया जाएगा। साथ ही सभी गांवों 20 वर्ष से अधिक उम्र के 300-300 लोगों का जांच होगा। जांच में प्राप्त फाईलेरिया संक्रमण दर के आधार में फाईलेरिया उन्मूलन प्रखंड घोषित करने की दिशा में आगे की कार्रवाई की जाएगी। बताया कि सर्वे कार्यक्रम चयनित गांवों किया जाएगा। तथा सर्वे टीम में पांच सदस्य उपस्थित रहेंगे।