जलडेगा:शिक्षा के मंदिर में बच्चे शिक्षा ग्रहण के लिए जाते हैं और शिक्षक उन्हें महारथ हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं लेकिन अगर ज्ञान के मंदिर में शिक्षक ही लापरवाही पर उतर जाए तो ऐसे में आप उन शिक्षकों से और क्या ही अपेक्षा कर सकते हैं। दरअसल जलडेगा प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय डुमरमुण्डा से एक मामला सामने आया है। रविवार को स्कूल के पांच बच्चे एस एस+2 हाई स्कूल सिमडेगा में मॉडल विद्यालय प्रवेश परीक्षा का परीक्षा देने गए थे, परंतु बच्चों को एडमिट कार्ड नहीं मिलने से परीक्षा केंद्र से सरस्वती कुमारी, रीना मांझी, रवि मांझी, प्रभु गोंझु, दुबराज गोंझू नामक पांच बच्चों को बिना परीक्षा लिखे वापस लौटा दिया गया। बच्चों ने बताया कि उन्होंने मॉडल विद्यालय प्रवेश परीक्षा के लिए विद्यालय प्रधानाध्यापिका सुजिता केरकेट्टा के द्वारा फार्म भरवाया गया था लेकिन फार्मो का आनलाइन नहीं किए जाने के कारण प्रवेश पत्र नहीं मिला। जिसके कारण बच्चों को बगैर परिक्षा दिए लौटना पड़ा।
क्या कहना है प्रधानाध्यापिका सुजिता केरकेट्टा का
मामले पर जब हमने स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका सुजिता केरकेट्टा से बात की तो उन्होंने कहा की बीआरसी के निर्देश पर उन्होंने बच्चों का सारा आवेदन को ऑनलाइन करने के लिए बीआरसी में जमा कर दी थी, लेकिन फॉर्म को ऑनलाइन नही किया गया जिसके कारण बच्चों को एडमिट कार्ड नहीं मिला।इधर बीईईओ अरुण कुमार पांडे ने कहा की आवेदन फार्म आनलाईन करने की जिम्मेदारी प्रधान शिक्षक की थी, अगर प्रधानाध्यापिका ने कार्यालय में आवेदन की हार्ड कापी जमा की है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
