ऑटोनोमी पर्व के मौके पर बंगरु के जी ईएल चर्च पोटेसेरा में हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन
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सिमडेगा : ऑटोनोमी पर्व के मौके पर बंगरु के जीईएल चर्च पोटेसेरा में हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। प्रतियोगिता का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा एवं जिप सदस्य जोसिमा खाखा ने किया। प्रतियोगिता में देवगांव ने स्टार क्लब डीपाटोली सिमडेगा को 2-1 से हराया। विजेता और उपविजेता को विधायक ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया। विधायक भूषण बाड़ा ने अपने संदेश में कहा कि हमारे लिए गर्व का विषय है कि हम ऑटोनॉमी प्राप्त कलीसिया के अंग है। उन्होंने कहा कि ऑटोनोमी प्रेम, एकता और समर्पण का पर्व है। ऑटोनोमी पर्व का अर्थ आत्मशासित है। यह स्वायत्तता हमारे कलीसिया को 10 जुलाई 1919 में प्राप्त हुआ। यह दिवस हमारे लिए एतिहासिक है और इसी के उपलक्ष्य में यह पर्व मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे कलीसिया के पूर्वजों ने जिस विपरीत परिस्थिति में चर्च को स्वायत्तता मिलने के बाद कलीसिया के दायित्वों को बखूबी निभाया, जो हमारे लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि ऑटोनोमी पर्व के मौके पर इस तरह का आयोजन सराहनीय पहल है। ऐसे आयोजन समाज के लोग एकजुट होते हैं। साथ हमारे समाज के युवा प्रतिभागियों की प्रतिभा में निखार आता है। मौके पर प्रखंड अध्यक्ष विकास कुमार गुप्ता,वरीय सह विधायक प्रतिनिधि बसंत कुमार गुप्ता,20 सूत्री अध्यक्ष विनय लकड़ा,युवा कांग्रेस अध्यक्ष रोहित एक्का,मुखिया पूनम एक्का,मंडल अध्यक्ष निमरोड एक्का, महिला अध्यक्ष प्रमिला कुमारी,निरंजन उरांव,कमला लकड़ा,मोजेस एक्का,बिनोद केरकेट्टा,प्रमोद केरकेट्टा,लुकश मिंज,निशांत एक्का,संदीप लकड़ा,मनोज लकड़ा,अनमोल कुजूर, एस्कर बरला,अमूल्य बड़ा,विकास बघवार,आदि खेल प्रेमी और महिलाएं, पुरुष उपाथित थे।
हमारे लिए गर्व का विषय है कि हम ऑटोनॉमी प्राप्त कलीसिया के अंग है: जोसिमा खाखा
जिप सदस्य जोसिमा खाखा ने ऑटोनोमस दिवस के महत्व की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि हम ऑटोनॉमी प्राप्त कलीसिया के अंग है। 10 जुलाई 1919 को हमारी कलीसिया को ऑटोनॉमी घोषित किया गया। हमें ज्ञात है कि 1914 को प्रथम विश्वयुद्ध के समय जर्मन मशीनरियों को देश छोड़ने पर बाध्य कर दिया गया। कलीसिया की देखरेख का भार छोटानागपुर के बिशप वेस्टकॉट को सौंपा गया। जर्मन मिशनरियों के चले जाने से कलीसिया अनाथ सी हो गई कलीसिया के समक्ष जो शर्तें रखी गई, उस आधार पर उसके सामने दो ही विकल्प थे। अर्थात एसपीजी कलीसिया में विलय हो जाए या कलीसिया का संपूर्ण भार अपने कंधे पर लेने को तैयार हो जाए। दोनों विकल्पों को नहीं चुनने पर सारी संपत्ति कमीशन को चली जाती। इस पर विचार करने के लिए नेशनल मशीनरी काउंसिल की कार्यकारिणी की ओर से एक जांच कमीशन गठित कर जीईएल कलीसिया छोटानागपुर एवं असम के लोगों का विचार जानने को भेजा गया। कलीसिया के लोगों ने अपने विचार में स्पष्ट कर दिया कि वह कलीसिया का कठिन भार अपने ऊपर लेने को तैयार हैं। अतः 10 जुलाई 1919 को कलीसिया को ऑटोनॉमी घोषित कर दिया गया अर्थात स्वशासी, स्वपालित एवं स्वयं सुसमाचार प्रचारिए कलीसिया। तब से लेकर आज तक कई विकास के कार्य हुए हैं जो कि एक बड़ी उपलब्धि है।