हिन्दू या मुस्लिम से नहीं मानवता से था संत रविदास को मतलब:बिमला प्रधान

सिमडेगा:संत शिरोमणि रविदास की जयंती शनिवार को मोची समाज सिमडेगा के जिलाध्यक्ष जितनाथ राम के अगुवाई में नगर के वार्ड नम्बर 13 हरिपुर मुहल्ला में मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुवात अतिथियों के द्वारा संत रविदास जी के चित्रों पर दिप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम को मुख्य अतिथि पूर्व विधायक विमला प्रधान ने संबोधित करते हुए संत शिरोमणि रविदास के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रविदास का जन्म आज के ही दिन माघ पूर्णिमा 1976 ई0 को उत्तर प्रदेश शहर के गोबर्धनपुर गांव में एक मोची परिवार में हुआ था।गुरु रविदास मध्यकाल में एक संत कवि सतगुरु थे। इन्हें संत शिरोमणि सत गुरु की उपाधि दी गई थी इन्होंने रविदासिया पंथ की स्थापना की थी रविदास जन्म ऐसे समय हुआ था जब उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में मुगलों शाशन था चारो तरफ अत्याचार,गरीबी,भ्र्ष्टाचार एवं अशिक्षा का बोल बाला था उस समय मुस्लिम शासकों के द्वारा प्रयास किया जाता था कि अधिकांश हिंदुओं को मुस्लिम बनाया जाए ।उस समय रविदास की ख्याति लगातार बढ़ रही थी ।उनके लाखो भक्त थे, जिनमें हर जाति समुदाय के लोग शामिल थे ।यह सब देखकर एक मुस्लिम सदना पीर उनको मुसलमान बनाने आए थे। उसका यही सोचना था कि अगर रविदास मुस्लिम बन जाते हैं तो उनके लाखो भक्त भी मुस्लिम हो जाएंगे। ऐसा सोचकर उन पर हर प्रकार का दबाव बनाया गया था ,लेकिन संत रविदास तो एक महान संत थे ।उन्हें किसी हिन्दू या मुस्लिम से नहीं मानवता से मतलब था। भाजपा पूर्व जिला अध्यक्ष संजय ठाकुर ने कहा ।आज के दिन हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके बताए हुआ मार्ग पर चलकर अपने जाती समाज को शशक्त बनाने का प्रण लेना चाहिए। कार्यक्रम में समाज के जिलाध्यक्ष जितनाथ राम,पूर्व वार्ड पार्षद अशोक जैन,विजय राम,कृष्णा ठाकुर एवं योगेंद्र मेहरा ने भी अपने-अपने विचारों को रखा मंच संचालन डी के भारती और धन्यवाद ज्ञापन पिंगला देवी ने किया। कार्यक्रम के पश्चात समाज के लोगों ने संत शिरोमणि रविदास जी के झांकी को लेकर शहर में शोभायात्रा निकाली गई ।कार्यक्रम में मुख्य रूप से रामप्रसाद राम,जोगेंद्र राम,अमित राम,मुकेश कुमार,बिहारी राम,राजेन्द्र राम,नारायण राम,बिनोद राम,बैजू राम,भोला राम,राजा राम,शंकर राम,बंधनु राम,जगदीश राम,कमलेश दास,बिष्णु राम,दिनेश राम,सोनी देवी,बिमला देवी,प्रभा देवी,सरस्वती देवी,रूपा देवी, रूबी देवी,जितनी देवी के अलावे सैकड़ो समाज के लोग उपस्थित थे।