उपायुक्त सिमडेगा श्री सुशांत गौरव ने जायका मद अन्तर्गत जिले के जलाशयों में क्रियान्वित केज कल्चर योजना के सफल क्रियान्वयन के मद्देनजर नदी के जलाशय में क्रियाशील मछली उत्पादन कार्य का निरीक्षण किया। मत्स्य जीवी समिति के अध्यक्ष, सचिव, सदस्यगण से कहा कि केज कल्चर आपकी सम्पति है, यह आपका मछली उत्पादन का खेत है, जहां आप वर्तमान में छोडे गये 80 हजार मछली उत्पादन से लगभग 150 या 200 रूपये कि माने तो इससे आपको लगभग एक करोड़ 20 लाख रूपये का आमदनी होने की संभावना है। इससे न केवल आप बल्कि इससे परिवार, बच्चों के जीवन में एक बेहतर बदलाव आ सकता है, बसरते आप इसकी सही देख-रेख एवं केज कल्चर की व्यवस्था को चुस्त एवं दुरूस्त रखें। उन्होने योजना को सफल बनाने की बात कही। रामरेखा जलाशय में क्रियाशील केज कल्चर से मछली उत्पादन का निरीक्षण किया। उपायुक्त के पहले निरीक्षण में केज कल्चर शुरूआत की कवायद शुरू की गई थी, दूसरे निरीक्षण में योजना धरातल पर क्रियाशील हो चुका है। रामरेखा जलाशय में मत्स्य जीवी समिति के द्वारा मछली उत्पादन के कार्य को केज कल्चर के माध्यम से बेहतर क्रियाशील पाया गया। 8 सांचे में पंगास मछली का उत्पादन करते पाया गया। मछली का ग्रोथ रेशियो बेहतर पाया गया। उपायुक्त ने एक-एक कर सभी मछली उत्पादन टैंक का निरीक्षण किया। मछली के बीज रखने के लिए बीज घर का भी अधिष्ठापन किया गया है। उन्होने कहा कि सदस्यों को मछली उत्पादन की जिम्मेवारी दें, समिति के एक-दो व्यक्ति के रूचि लेने से योजना सफल नहीं होगा, सभी सदस्यों को केज कल्चर से मछली उत्पादन के प्रति रूझान लाना होगा। सदस्यों से पुछे जाने पर बताया कि पहरेदारी करते है, मछली को चारा देते है, उपायुक्त ने सराहना की। उन्होने कहा कि पैसा आयेगा तो शराब पीकर न उड़ायें, पैसे को रखें, व्यर्थ न जाने दें। कहा कि पैसे के आने से सदस्यगणन में नोक-झोक नहीं होना चाहिए। कमाई हुई राशि से पहले आगे मछली उत्पादन के लिए पैसे को अगल करने के उपरांत हीं शेष बची राशि को सभी सदस्यों में बटवारा कर लेने की बात कही। आय के साथ-साथ जिससे आय प्राप्त हो रहा है, उसे अपने घर की तरह साफ-सुथरा रखें। मछली के जाली को साफ करते रहने की बात कही। उपायुक्त ने सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर केेज में स्ट्रीट लाईट की सुविधा एवं प्रकृति के बीच बसा रामरेखा जलाशय के इर्द-गिर्द स्ट्रीट लार्ट का अधिष्ठापन, नदी के समीप चबुतरा सहित शेड का निर्माण, पेयजल की व्यवस्था एवं सामुदायिक शौचलय का निर्माण की दिशा में संबंधित पदाधिकारी से कार्रवाई कराने को कहा। इसके अलावे उपायुक्त ने अन्य महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दियें। मौके पर जिला मत्स्य पदाधिकारी श्रीमती कुसुम लता, उत्तीयेल मत्स्य जीवी समिति व अन्य उपस्थित थें।


वहीं कोलेबिरा प्रखण्ड अन्तर्गत लरबा जलाशय का भी निरीक्षण किया। माननीय विधायक कोलेबिरा श्री नमन बिक्सल कोनगाड़ी, उपायुक्त सिमडेगा श्री सुशांत गौरव सहित जिला मत्स्य पदाधिकारी श्रीमती कुसुम लता ने लरबा जलाशय पहुंच केज में मछली का जीरा डालते हुये केज कल्चर का शुभांरभ किया था। लरबा जलाशय में 80 हजार पंगास मछली का जीरा डाला गया है। लगभग तीन महिने के बाद उपायुक्त ने योजना के सफल क्रियान्वयन का निरीक्षण किया। जलाशय में पेन कल्चर के द्वारा रेहु, मृगल एवं कतला मछली उत्पादन कार्य का जायजा किया। नाव से जलाशय के बीच अवस्थित केज तक पहुंच मछली उत्पादन एवं केज हाउस का जायजा किया। मत्स्य जीवी समिति से मुलाकात की। समिति में 52 ग्रामीणों की मण्डली शामिल है। मछली के टैंक में पानी के क्वालिटी को देख उपायुक्त ने समिति को समय-समय पर जाली का साफ-सफाई करते रहने की बात कही। जिला मत्स्य पदाधिकारी को अतिरिक्त जाली उपलब्ध कराने को कहा। उन्होने समिति के सदस्यों से कहा कि सभी जिम्मेवारी के साथ समिति के दायित्वों का निर्वह्न करें। मछली पालन से कम मेहनत में अधिक मुनाफ है, जिसका आपको लाभ मिल रहा है। कौन-कौन क्या-क्या कार्य करेंगे, इसका रजिस्टर मेन्टेन करें। प्रति सप्ताह बैठक करें, योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करें, जिला मत्स्य पदाधिकारी को समय-समय पर समिति की बैठक में भाग लेते रहने की बात कही। उन्होने कहा कि मत्स्य जीवी समिति अच्छा कार्य करेगा, तो योजना के क्रियान्वयन की संख्या को आगे और बढ़ाया जायेगा। केज कल्चर मछली उत्पादन करने का खेत है, गुणवता पूर्ण मछली की खेती करें। समय पर मछली को आहार दें। साफ-सफाई मेन्टेन रखें। उन्होने कहा कि लरबा मत्स्य जीवी समिति मछली उत्पादन में अच्छा करेगा तो आने वाले समय में मोटर वाले नाव समिति को उपलब्ध कराई जाएगी।कोलेबिरा प्रखण्ड अन्तर्गत एनएच 143 से लरबा जलाशय नजदीक मे है। ऊंचे पहाड़ एवं प्रकृति से घिरा लरबा जलाशय को जिला प्रशासन के द्वारा पर्यटक स्थल के रूप में चिन्हित किया गया है। लरबा जलाशय तक पहुंच पथ निर्माण, चबुतरा सहित शेड का निर्माण एवं लगभग 10-12 स्ट्रीट लाईट का अधिष्ठापन करते हुए लरबा जलाशय को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में संबंधित पदाधिकारी को आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही। मौके पर जिला मत्स्य पदाधिकारी श्रीमती कुसुम लता, मत्स्य जीवी समिति व अन्य उपस्थित थें।

