कॉम्पट मुण्डा 22 पड़हा के प्रतिनिधियों से बीपीओ ने की बैठक कहा जबर्दस्ती बच्चों को न लगाएं कोरोना टीका

जलडेगा: प्रखण्ड के बीआरसी कार्यालय में बीपीओ आशा बिलुंग की उपस्थिति में कॉम्पट मुण्डा 22 पड़हा के प्रतिनिधियों के द्वारा बैठक का आयोजन हुआ जिसमें समाज के प्रतिनिधियों ने बीपीओ से अनुरोध किया कि उनके क्षेत्र में बच्चों को जबर्दस्ती कोरोना का टीका न लगाया जाए प्रतिनिधयों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का प्रति दिखाते हुए कहा कि प्रशासन अपने ऊपर दबाव के कारण किसी को भी उसके इच्छा के बिना टीका नही लगा सकता है। इसलिए उनके क्षेत्र के बच्चों को किसी भी हालत में कोरोना का टीका नही लगाया जाए। विरोध का कारण पूछने पर कॉम्पट 22 पड़हा के सदस्य हुटुबदा निवासी जेम्स धनवार ने कहा कि उनके पत्नी ने भी टीका लिया था जिसके बाद से उसकी सेहत बहुत खराब हो गई है एवं उसके हाथों का दर्द काफी उपचार के बाद भी दूर नही हुआ स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन अपना टारगेट को पूरा करने के लिए टीका तो लगा देते हैं किंतु उसके बाद व्यक्ति की हालत कैसी है ये कोई पूछने तक नही आता है। इस संबंध में उपायुक्त सिमडेगा को भी आवेदन दिया गया है किंतु कोई विशेष समाधान नही हुआ है। इस संबंध में बीपीओ आशा बिलुंग ने उन्हें सुझाव दिया कि उन्हें प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं चिकित्सा पदाधिकारी से मिलकर अपनी बात रखें।

कैसे होगा टीकाकरण
कॉम्पट मुण्डा 22 पड़हा के द्वारा इन आरोपों से प्रश्न ये उठता है कि अब तक प्रशासन इन लोगों के बीच भरोसा कायम नही कर पाया है जो गंभीर बात है अगर ऐसा ही चलता रहा तो निश्चित रूप से कोरोना टीकाकरण प्रभावित होगा। ऐसे में प्रशासन को अविलंब इन प्रतिनिधियों की शंका को दूर करना चाहिए जिससे ग्रामीण इलाकों में कोरोना टीकाकरण की भ्रांतियों को दूर किया जा सके। मौके पर कॉम्पट मुंडा 22 पड़हा केंद्र पकरा के महाराजा सनिका लुगुन, मुंडा समाज महामंत्री सह प्रवक्ता लुथर तोपनो, चुटियानागपुर पाहन जेम्स धनवार, अब्नेर जोजो, जेम्स जोजो, निर्मल हेमरोम, हिजकेल हेमरोम, जोसेफ डांग के अलावा अन्य राजा प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित थे।

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