सिमडेगा:सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा ने विधानसभा सत्र के माध्यम से कृषि कार्य को भी मनरेगा योजना को जोड़ने की मांग की है। विधायक ने सत्र के माध्यम से कहा है कि सरकार द्वारा मनरेगा योजना में कई अनगिनत कार्य को जोड़ते हुए आम लोगों को सरकारी योजना का लाभ देने का सराहनीय पहल किया जा रहा है।राज्य में कुल 79 लाख हेक्टेयर जमीन है, जिसमें से 38 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। पर इनमें से मात्र 25 लाख हेक्टेयर भूमि में ही खेती हो पाती है। शेष 12 लाख हेक्टेयर जमीन खेती योग्य होते हुए भी बंजर रह जाती है। विधायक ने कहा है कि किसानों के पास खेती कराने के लिए मजदूरी भुगतान उनकी सबसे बड़ी समस्या उतपन्न होती है। यही कारण है कि इतनी बड़ी संख्या का जमीन खेती योग्य होते हुए भी बंजर रह जाती है। यदि कृषि कार्य में जैसे खेतों की जोताई, धान की बुनाई-रोपाई, कटाई आदि कार्य के लिए भी मनरेगा मजदूरों को जोड़ कर उनका मजदूरी भुगतान मनरेगा योजना से किया जाय, तो कृषि के क्षेत्र में राज्य सबसे अग्रणी राज्य बन सकता है। जिसके जवाब में सरकार द्वारा बताया गया कि राज्य में 38 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। पर इनमें से मात्र 25 लाख हेक्टेयर भूमि में ही खेती हो पाती है। शेष 12 लाख हेक्टेयर जमीन खेती योग्य होते नहीं है। जिस कारण यह बंजर रह जाती है। साथ ही बताया गया कि मनरेगा योजना भारत सरकार की योजना है। और भारत सरकार द्वारा प्राप्त योजनाओं के अनुरूप राज्य में कार्य किया जाता है।
