सिमडेगा:सिमडेगा के जीईएल चर्च बुड़गी एवं मेरोमडेगा में रविवार को धूमधाम के साथ ऑटोनॉमी पर्व मनाया गया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में पूर्व मंत्री एनोस एक्का झापा जिलाध्यक्ष मतीयस बागे,युवा जिलाध्यक्ष सन्देश एक्का शामिल है। सर्वप्रथम आए हुए अतिथियों का स्वागत गान के साथ स्वागत की गई एवं माला पहनाकर उन्हें कार्यक्रम स्थल तक ले जाया गया। मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री ने कहा ऑटोनॉमी पर्व ईसाई धर्म और कलीसिया समुदाय एक विशेष अंग है। 10 जुलाई को मनाया जाता है लेकिन यहां पर आज मनाया जा रहा है इसलिए यहां के सभी लोगों को इस की शुभकामनाएं देता हूं।यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि हम ऑटोनॉमी प्राप्त कलीसिया के अंग है। 10 जुलाई 1919 को हमारी कलीसिया को ऑटोनॉमी घोषित किया गया। हमें ज्ञात है कि 1914 को प्रथम विश्वयुद्ध के समय जर्मन मशीनरियों को देश छोड़ने पर बाध्य कर दिया गया। कलीसिया की देखरेख का भार छोटानागपुर के बिशप वेस्टकॉट को सौंपा गया। जर्मन मिशनरियों के चले जाने से कलीसिया अनाथ सी हो गई कलीसिया के समक्ष जो शर्तें रखी गई, उस आधार पर उसके सामने दो ही विकल्प थे। अर्थात एसपीजी कलीसिया में विलय हो जाए या कलीसिया का संपूर्ण भार अपने कंधे पर लेने को तैयार हो जाए। दोनों विकल्पों को नहीं चुनने पर सारी संपत्ति कमीशन को चली जाती। इस पर विचार करने के लिए नेशनल मशीनरी काउंसिल की कार्यकारिणी की ओर से एक जांच कमीशन गठित कर जीईएल कलीसिया छोटानागपुर एवं असम के लोगों का विचार जानने को भेजा गया। कलीसिया के लोगों ने अपने विचार में स्पष्ट कर दिया कि वह कलीसिया का कठिन भार अपने ऊपर लेने को तैयार हैं। अतः 10 जुलाई 1919 को कलीसिया को ऑटोनॉमी घोषित कर दिया गया अर्थात स्वशासी, स्वपालित एवं स्वयं सुसमाचार प्रचारिए कलीसिया। तब से लेकर आज तक कई विकास के कार्य हुए हैं जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने सभी को परमेश्वर के बताए मार्ग पर चलने की बात गई। उपस्थित लोगों को झापा युवा जिला अध्यक्ष संदेश एक्का ने भी संबोधित किया।मौके पर प्रचारक पॉवल लकड़ा, महिला अध्यक्ष विनीता केरकेट्टा, सुसराय सोरेंग, मंडली सचिव रोबिन बा,बाबूराम लकड़ा,सुदीप लुगुन,गोसनर डाँग,रणजीत कुल्लु,रसाल ख़लखो आदि उपस्थित थे।
