आरईओ विभाग द्वारा जलडेगा में बन रहे सड़क निर्माण में अनियमितता, नहीं मिल रही न्यूनतम मजदूरी

जलडेगा: प्रखंड मुख्यालय विलयम चौक से बांसजोर प्रखण्ड उड़ीसा सीमान्त को जोड़ने वाली आरईओ रोड निर्माण कार्य मे घोर अनियमितता बरती जा रही है। ये रोड जलडेगा से उड़ीसा को जोड़ने वाली मुख्य मार्ग है। जिसमें पुलिया निर्माण का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। लेकिन यह सड़क निर्माण से पूर्व ही कई सवालों के घेरे में है। सड़कों के बीच में बनाए जा रहे पुलिया में जमकर अनियमितता बरती जा रही है। पुलिया निर्माण में मिट्टी युक्त बालू का इस्तेमाल किया जा रहा है। निर्माण में लगने वाले पत्थर के साइज इतने बड़े हैं कि दो से तीन मजदूर बमुश्किल उसे हिला पा रहे हैं। वहीं पुलिया निर्माण में लगने वाले मसाले में सीमेंट की मात्रा नाम मात्र का है। घटिया एवं अनियमितता से बन रहे पुल के निर्माण को देख आसपास के ग्रामीणों में नाराजगी हैं। यही नहीं कार्यस्थल पर कार्य से संबंधित सुचना पट्ट भी नहीं लगा गया है जिससे यह भी पता नही चल पाया की ये निर्माण कार्य किस विभाग से और कितनी लागत पर की जा रही है।पाहन टोली के ग्रामीणों ने कहा मजबूती एवं टिकाऊ के बारे में बात करना बेईमानी होगी, पुलिया निर्माण ऐसा है तो आगे जाकर सड़क निर्माण कैसा होगा। ग्रामीणों ने कहा निर्माण कार्य देखने वाले जिम्मेदार अधिकारी इस पर ध्यान नही दे रहे हैं जिसका लाभ उठाकर ठेकेदार मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं।

मजदूर को नहीं दी जा रही है न्यूनतम मजदूरी

काम करने वालों मजदूरों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनसे साढ़े सात से आठ घंटा काम लिया जा रहा है। लेकिन समान मजदूरी किसी को नहीं दी जा रही है। किसी को 250 रुपये दिए गए तो किसी को तीन सौ रुपए दिया जा रहा है। वहीं मिस्त्री को 4-5 सौ रुपए दिए जा रहे हैं। विभागीय जेई ने कहा मजदूरी को लेकर विभागीय कोई निर्देश नहीं है ये ठिकेदार पर निर्भर करता है।इधर योजना बोर्ड के विषय में पूछने पर विभागीय जेई ओम प्रकाश ने कहा कि कुछ दिन पूर्व ही कहा था कि ठेकेदार उद्घाटन की तैयारी कर रहा है योजना बोर्ड लगाया जाएगा। बतातें चलें बिगत दिनों केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा उक्त रोड का उद्घाटन किया गया था उसके बावजूद भी आज तक कार्यस्थल पर योजना बोर्ड नहीं लगाया गया है और न ही योजना निर्माण संबंधित किसी प्रकार की जानकारी की पारदर्शिता रखी गई है।

लाखों की लागत से बन रहे इस निर्माण कार्य में नियमों को ताक में रखकर काम करवाया जा रहा है। निर्माण कार्य में गोपनीय तरीके से रात के अंधेरे में चोरी छुपे खेत और नालों के पथरीले और मिट्टीयुक्त बालू को अवैध तरीके से गिराया जा रहा है एवं उसका उपयोग इतने बड़े योजना में किया जा रहा है साथ ही अनसाईज पत्थर का उपयोग किया जा रहा है। कुल मिलाकर देखा जाए तो सड़क निर्माण के नाम पर योजना बंदरबांट होते नज़र आ रहा है यही कारण है कि जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।

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