सिमडेगा: शंख नदी छठ घाट में 41 वर्षों से भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पण किया जा रहा है। 40 वर्ष पहले वर्ष 1983 में शहर के कुछ उत्साही युवको के द्वारा शंख नदी छठ घाट में छठ पूजा आयोजन करने योजना बनाई थी। एक जरनेटर, कुछ ट्यूबलाइट और पेट्रोमेक्स के सहारे छठ पूजा की शुरुआत किया गया था, जो आज छठ मइया की कृपा से धीरे-धीरे विशाल बरगद का रुप ले चुका है। आज पूरा शहर शंख नदी छठ घाट में भगवान भास्कर और छठी मैया की पूजा के लिए उमड़ता है। घाट की भव्यता देखते ही बनती है। शुरुआती दौर के आयोजन में विष्णु वैध, फणी भूषण साहा, प्रदीप केशरी, चंदन लाल, स्वर्गीय पवन अग्रवाल, स्वर्गीय बसंत साह, ललन प्रसाद, अरुण सिंह, गोपाल कसेरा, स्व संतोष अकेला, सुबीर कुमार, दुर्गा प्रसाद, समीर साह, स्व विजय प्रसाद गरजा आदि का योगदान रहा था।

वाहन पार्किंग के लिए निर्धारित स्थल में ही करें वाहन को करें पार्क
शंख नदी छठ घाट में वाहन पार्किंग के लिए समिति की ओर से जगह निर्धारित किए गए हैं। छोटी गाड़ियां, मोटरसाइकिल और बड़ी वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग की व्यवस्था की गई है। सभी वाहन मालिकों से अपील की जाती है कि निर्धारित स्थल में ही समिति के सदस्यों के द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार अपने वाहनों को पार्क करें।
शंख नदी छठ घाट में छोटी एवं बडी गाडि़यो के लिए बनी है अलग अलग सड़क
शंख नदी छठ घाट में बड़ी एवं छोटी गाड़ी के लिए अलग अलग सड़क का निर्धारण किया गया है। समिति के प्रदीप केसरी ने बताया कि बड़ी गाड़ी कच्ची रास्ते से होकर घाट तक पहुचेगी एवं छोटी गाडी और बाईक गरजा चौक से दाहिनी ओर पक्की सड़क से घाट तक पहुच सकते है। इधर छठ तालाब में भी लोग डीएसपी रोड और नगर परिषद कार्यालय के बगल वाली सडक से घाट तक पहुंच सकते है। केलाघाघ में भी जाने के लिए मुख्य सडक से घाट तक पहुंचा जा सकता है।
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