सिमडेगा:कोलेबिरा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी सह प्रखंड सांसद प्रतिनिधि सुजान मुंडा ने चंडीगढ़ के जाने माने मिनिस्ट्री प्रोफेट बजिन्दर सिंह के द्वारा प्रार्थना सह चंगाई सभा के दौरान जिले की गड़बड़ाई यातायात व अन्य व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेवार ठहराया है। सुजान मुंडा ने कहा कि प्रशासन की गलती के कारण ही शहर की पूरी व्यवस्था गड़बड़ा गई थी। सभा के दौरान अगर भगदड़ मच गई होती तो कल हजारों लोगों की मौत हो सकती थी। और इस भगदड़ को संभालने के लिए प्रशासन कुछ भी नहीं कर पाती। प्रशासन द्वारा लोकप्रिय व्यक्ति मिनिस्ट्री प्रोफेट बजिन्दर सिंह की सभा के लिए बीच शहर में सभा की अनुमति दिए जाने का नतीजा न सिर्फ सिमडेगा जिला वासियों को बल्कि दूर दराज से प्रार्थना सभा मे शामिल होने वाले लोगों, लंबी दूरी के वाहन चालकों को भुगतान पड़ा। इस परेशानी का शिकार स्कूली बच्चे भी हुए। प्रशासन को यह पता होना चाहिए था कि चंडीगढ़ के जाने माने मिनिस्ट्री प्रोफेट बजिन्दर सिंह कौन है और उनको चाहने वालों की संख्या कितनी है। इसी के अनुसार शहर के बाहर किनारे में सभा करने की अनुमति दी जानी थी। लेकिन अधिकारी इसको लेकर कोई जांच पड़ताल नहीं की और शहर में ही सभा करने की आसानी से अनुमति दे दी। अनुमति देने के बाद कोई तैयारी भी नहीं की। जब अचानक से भीड़ उमड़ने लगी तब व्यवस्था ठीक करने के लिए प्रशासन हड़बड़ाने लगा। लेकिन तब तक काफी बिलम्ब हो चुका था। कई किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतार लग चुकी थी। हर तरफ जाम की समस्या बन चुका था। 15 मिनट की दूरी वाले रास्ते मे लोगों को डेढ़ घँटे तक का समय जाने में लग रहा था। जाम में दर्जनों एम्बुलेंस फंसे रहे। स्कूली बच्चे भी घण्टो जाम में फंसे रहे। देर तक स्कूल से घर नहीं पहुंचने पर बच्चों के अभिभावक हैरान व परेशान रहे। बच्चों की तलाश में अथवा घर लाने के लिए घर से बाहर निकले अभिभावक भी जाम में फंस गए। शहर से लेकर एनएच की यातायत व्यवस्था पूरी तरह गड़बड़ा गई। प्रशासन के साथ साथ आयोजन कमेटी की लापवाही के कारण जिले की भी बदनामी हुई। दूर दराज से पहुंचे लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। खाने पीने से लेकर अन्य चीजों के लिए बाहर से आये लोग परेशान दिखे। जिले की व्यवस्था देखकर बाहर से आए लोग भी हैरान व परेशान दिखे। ऐसे प्रचलित एवं लोकप्रिय व्यक्ति का सभा करने के लिए प्रशासन को शहर से किनारे में सभा करने की अनुमति दिया जाना था। अनुमति देने के साथ साथ व्यवस्था भी दुरुस्त रखनी चाहिए थी। पर प्रशासन ने ऐसा करना जरूरी नहीं समझा। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ा। जाम के कारण समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने से एक की मौत भी होने की बातें आई है। प्रशासन मृतक के परिजनों को न्याय दे। उन्हें मुआवजा दे। आज अगर कोई आम आदमी रहता तो उसपर लापवाही का आरोप लगा प्रशासन द्वारा करवाई की जा चुकी होती। ऐसे में लापरवाह अधिकारियों पर भी करवाई होनी चाहिए। साथ ही प्रशासन को 20 से 30 हजार की ही भीड़ जुटने की झूठी जानकारी देकर गुमराह करने वाले समिति के लोगों पर भी प्रशासन करवाई करे। सुजान ने कहा कि वे लापरवाह अधिकारियों पर करवाई की मांग को लेकर मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को आवेदन देकर मांग करेंगे।
