जनजाति सुरक्षा मंच के तहत कोलेबिरा में बैठक का आयोजन, जिला स्तरीय सम्मेलन पर चर्चा

कोलेबिरा:कोलेबिरा प्रखंड में  जनजाति सुरक्षा मंच का एक बैठक मंडल संयोजक  मुनेश्वर तिर्की की अध्यक्षता में एवं जिला संयोजक  बसंत नारायण मांझी के उपस्थिति में रविवार को संपन्न हुआ।बैठक को संबोधित करते हुए बसंत नारायण मांझी ने कहा कि जनजातीय सुरक्षा मंच का औपचारिक गठन रायपुर में 30 अप्रैल से 1 मई 2006 को 14 राज्यों के पचासी प्रतिनिधियों द्वारा किया गया जिसमें अधिकांश जनजाति समाज के थे झारखंड के वरिष्ठ जनजाति नेता एवं पूर्व सांसद मोरेन सिंह पूर्ति इसके प्रथम राष्ट्रीय संयोजक बनाए गए ।जनजातीय सुरक्षा मंच का एकमात्र उद्देश्य जनजाति समाज में से धर्मांतरित होकर अपने पूर्वजों के परंपरागत सनातन धर्म को छोड़कर ईसाई और मुस्लिम हो जाने के बावजूद ऐसे धर्मांतरित नकली व अस्वीकृत लोगों द्वारा जनजातियों को आरक्षण का दे अधिकांश लाभ उठाने के कारण हो रहे अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाना है ।मंच की मांग है कि ऐसे छद्म नकली जनजाति व्यक्तियों को जनजातियों के लिए बने अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाया जाए।

आगे बैठक को संबोधित करते हुए मंडल संयोजक मुनेश्वर तिर्की ने कहा कि हम जनजाति समाज के सभी लोगों विशेषकर युवा वर्ग स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों सामाजिक धार्मिक नेताओं पहन पुजारी मुख्य प्रधान मांझी ,नायकी पंच सरपंच सरकारी नौकरी कर रहे रिटायर्ड कर्मचारियों वकील और डॉक्टरों को आह्वान करते हैं कि वह सभी अपने अपने स्थान पर अपनी तरह से धर्मांतरित लोगों को सूची से हटाने के समर्थन में शांतिपूर्वक सब प्रयास करें जो जरूरी है ।आगामी जनजातीय जिला सम्मेलन को सफल बनाने के लिए जनजाति सुरक्षा मंच कोलेबिरा प्रखंड पंचायत स्तर तक जा जाकर समर्थन जुटाते हुए जनजातीय सम्मेलन को सफल बनाया जाएगा। बैठक में प्रखंड समिति का भी गठन किया गया जिसमें प्रखंड संयोजक मुनेश्वर तिर्की, सहसंयोजक कृष्णा बड़ाइक, राजु केरकटा, एवम सभी ग्यारह पंचायतों से सदस्य बनाया गया बैठक में मंडल प्रभारी अशोक इंदवार, उत्तम केरकेटा, सांसद प्रतिनिधि चिंतामणि कुमार, शांतिमुनि देवी, कृष्णा बड़ाइक, सुरेन्द्र लोहरा, मानेश्वर सिंह, दयानिधि विशाल रामटहल खेरवार, गोविंद सिंह ,अमरेंद्र बड़ाइक दीपक चिक बड़ाइक, राजीव केरकेट्टा रवि लोहरा विरसू मुंडा आदि उपस्थित थें।

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