आजादी के बाद पहली बार चिमटीघाट पहुंचे डीसी–एसपी, प्रशासनिक ट्रैकिंग से जगी विकास की नई उम्मीद

सिमडेगा:आजादी के 78 वर्षों बाद सिमडेगा सदर प्रखंड का दुर्गम चिमटीघाट गांव शनिवार को ऐतिहासिक पल का साक्षी बना, जब जिला उपायुक्त कंचन सिंह और पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी पहली बार प्रशासनिक टीम के साथ पैदल ट्रैकिंग करते हुए इस गांव पहुंचे। वर्षों से विकास की बाट जोह रहे ग्रामीणों ने प्रशासन को अपने बीच पाकर नए भविष्य की उम्मीद जागती देखी।केलाघाघ डैम के किनारे ऊंचे पहाड़ों, घने जंगलों और पथरीली घाटियों के बीच बसे इस गांव में करीब 13–15 परिवार रहते हैं। आजादी के बाद से अब तक यहां तक पहुंचने के लिए कोई सड़क नहीं बन सकी। ग्रामीण आज भी अपने प्रयासों से बनी संकरी पगडंडी और डैम पार नौका के सहारे ही राशन, स्वास्थ्य सेवाओं और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए बाहर आते-जाते हैं।

आपात स्थिति में मरीजों को नाव से पार कराना सबसे बड़ा जोखिम है।प्रशासनिक ट्रैकिंग दल केलाघाघ डैम से शुरू होकर पहाड़ी मार्गों से गुजरते हुए चिमटीघाट पहुंचा। टीम में वन प्रमंडल पदाधिकारी शशांक शेखर सिंह, परियोजना निदेशक आईटीडीए सरोज तिर्की, अपर समाहर्ता ज्ञानेन्द्र, सिविल सर्जन सुंदर मोहन समद, अनुमंडल पदाधिकारी प्रभात रंजन ज्ञानी, एलआरडीसी अरुणा कुमारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी नरेश रजक, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी पलटू महतो, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सुरजमुनि कुमारी, सदर बीडीओ समीर रेनियर खालखो, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी रवि किशोर राम, जिला पशुपालन पदाधिकारी किंकर कुमार महतो, जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश केरकेट्टा, शिक्षा अधीक्षक दीपक राम, जिला नियोजन पदाधिकारी आशा मक्सिमा लकड़ा, मत्स्य पदाधिकारी सीमा टोप्पो, कृषि पदाधिकारी माधुरी टोप्पो, जेएसएलपीएस डीपीएम शांति मार्डी, कार्यपालक अभियंता पेयजल मुकेश कुमार, और विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता मनीष पूर्ति सहित कई वरीय अधिकारी शामिल रहे।गांव पहुंचकर ग्रामीण महिलाओं सहित युवाओं ने बताया कि वर्षों से विकास ठप पड़ा है, और सुलभ रास्ते की सबसे अधिक आवश्यकता है। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि पगडंडी ही उनका एकमात्र सहारा है, जिस पर दोपहिया वाहन भी मुश्किल से पहुंच पाते हैं।उपायुक्त कंचन सिंह ने पूरे क्षेत्र का निरीक्षण कर कहा कि चिमटीघाट प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटन की संभावनाओं से भरपूर है। उन्होंने निर्देश दिया कि गांव तक सड़क मार्ग का सर्वे त्वरित रूप से कर प्रस्ताव तैयार किया जाए। साथ ही नए ट्रैकिंग रूट को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में भी काम होगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकें।इस दौरान प्रशासनिक टीम ने नाव से बोटिंग कर ग्रामीणों की दैनिक कठिनाइयों को महसूस किया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य शिविर भी आयोजित किया गया।चिमटीघाट में पहली बार प्रशासनिक चहलकदमी से वर्षों से बुझी उम्मीदों में नई रोशनी लौटी है। अब ग्रामीणों को इंतजार है कि यह उम्मीद जल्द ही धरातल पर उतरे और गांव भी विकास की मुख्यधारा से जुड़े।

बानो के बीरता जलडेगा में ईद मेला का भव्य आयोजन, नागपुरी गीत-संगीत ने मोहा मन

बानो। प्रखंड क्षेत्र के बीरता जलडेगा में पारंपरिक उत्साह के साथ ईद मेला का आयोजन किया गया। मेला समिति की ओर से नागपुरी गीत-संगीत और लोकनृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।कार्यक्रम का उद्घाटन भाजपा प्रखंड महामंत्री सह मेला समिति अध्यक्ष फिरू बड़ाईक, संरक्षक सन्तु सिंह तथा कोषाध्यक्ष कृष्णा सिंह ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। उद्घाटन समारोह में फिरू बड़ाईक ने कहा कि “गाँव की परंपरा और संस्कृति को बचाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। युवा पीढ़ी को आगे आकर अपनी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखना चाहिए। मेला-जत्रा गाँव में मनोरंजन और सामाजिक एकता का माध्यम है।मेला का शुभारंभ मशहूर युवा गायक रूपेश बड़ाईक ने माता वंदना से किया। इसके बाद दिनभर कलाकारों ने एक से बढ़कर एक नागपुरी और लोकगीत प्रस्तुत कर दर्शकों को झुमाया। कार्यक्रम में जदुरा नाच और नागपुरी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति ने पूरे माहौल को उत्सवमय बना दिया।ग्रामीणों ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से गांव की संस्कृति जीवंत रहती है और लोगों को आपसी मेलजोल का अवसर मिलता है।

राजकीय रामरेखा महोत्सव 2025 के प्रचार-प्रसार को लेकर मीडिया प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित

सिमडेगा: जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, सिमडेगा के द्वारा गुरुवार को जिले के सभी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ब्यूरो चीफ एवं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी राजकीय रामरेखा महोत्सव 2025 के प्रचार-प्रसार की रणनीति तय करना था।बैठक में जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष रामरेखा धाम मेला का आयोजन 4 से 6 नवंबर 2025 तक किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा इसे राजकीय मेला घोषित किया गया है। 4 एवं 5 नवंबर (कार्तिक पूर्णिमा) को रामरेखा धाम परिसर में भव्य राजकीय रामरेखा महोत्सव आयोजित होगा। उन्होंने सभी मीडिया प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे इस आयोजन के प्रचार में सक्रिय भूमिका निभाएं, ताकि अधिक से अधिक लोग इस ऐतिहासिक आयोजन से जुड़ सकें।बैठक के दौरान मीडिया प्रतिनिधियों ने रामरेखा क्षेत्र में नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या और प्रेस कर्मियों के लिए पास व आईडी कार्ड की व्यवस्था की आवश्यकता पर बल दिया।डीपीआरओ ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स से अपील की कि वे यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि के माध्यम से रामरेखा धाम से जुड़ी जानकारियाँ साझा करें। उन्होंने बताया कि महोत्सव में छऊ नृत्यपाइका नृत्य और अन्य लोकनृत्य प्रस्तुत होंगे। इसके अलावा शालिनी दुबे, पूजा चटर्जी, राधा श्रीवास्तव, रविन्द्र जोनी, मुकुंद नायक और जगदीश बड़ाईक जैसे कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।बैठक में जिले के सभी प्रमुख मीडिया प्रतिनिधि एवं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर उपस्थित रहे।

गुमला के टेंगरिया में 50 दिवसीय लोक वाद्य यंत्र कार्यशाला का शुभारंभ

पारंपरिक धरोहरों के संरक्षण और स्वरोजगार को मिलेगा बढ़ावा

गुमला – मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड, गुमला और भारतीय लोक कल्याण संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में अनुसूचित जातियों के पारंपरिक वाद्ययंत्र निर्माण के कौशल विकास हेतु 50 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन 12 सितंबर 2024 को ग्राम टेंगरिया, प्रखंड पालकोट, गुमला में किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन कौशल उन्नयन योजना के तहत किया गया, जिसका उद्देश्य पारंपरिक वाद्ययंत्र निर्माण के माध्यम से अनुसूचित जातियों के लाभुकों को आत्मनिर्भर बनाना और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है।कार्यशाला का उद्घाटन महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र गुमला, प्रखंड विकास पदाधिकारी पालकोट, जिला उद्यमी समन्वयक, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। अपने संबोधन में महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनने का मार्ग मिलेगा।कार्यशाला में उपस्थित सर्किल पोस्ट ऑफिस पोस्ट पेमेंट कार्यकारिणी ने कारीगरों को डिजिटल पेमेंट के महत्व के बारे में बताया और जिले में कारीगरों के लिए पोस्ट पेमेंट अकाउंट खोलने की प्रक्रिया पर जोर दिया।प्रशिक्षण के दौरान लाभुकों को आवश्यक टूलकिट, स्टेशनरी और बैग भी प्रदान किए गए। कार्यशाला में कुल 50 प्रशिक्षणार्थी भाग ले रहे हैं, जिनकी सक्रिय सहभागिता से कार्यक्रम को सफल बनाने में भारतीय लोक कल्याण संस्थान की प्रमुख भूमिका रही।कार्यक्रम को प्रखंड विकास पदाधिकारी ने ऐतिहासिक बताते हुए इसे पारंपरिक धरोहरों के संरक्षण और उनके विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

कुरडेग कदमटोली में दुर्गा मूर्ति चोरी को लेकर ग्रामीणों ने की बैठक

अष्टधातु की मां दुर्गा प्रतिमा बरामदगी को लेकर चरणबद्ध होगा आंदोलन

कुरडेग : प्रखंड के कदमटोली में माँ दुर्गा मंदिर प्रांगण में मंदिर समिति के अध्यक्ष विद्याधर प्रधान की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में   विश्व हिन्दू परिषद् के जिलाध्यक्ष कौशलराज सिंह देव जी को मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया था।बैठक में अनेक सांगठनात्मक, सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों और समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया ।और कार्ययोजना बनाई गई । वही विगत 24 अप्रैल को मंदिर से  माँ की अष्टधातु प्रतिमा की चोरी की जल्द से जल्द बरामदगी हेतू चरणबद्ध तरीके से कार्य करने की बात हुई बताते चले की कुरडेग कदमटोली में माँ दुर्गा  मंदिर जो प्रखंड के लोगों की प्रसिद्ध आस्था का केंद्र है । जहाँ 24 अप्रैल को  असमाजिक तत्व द्वारा माँ दुर्गा  की अष्टधातु की प्रतिमा चोरी कर ली  गई है  जिसमें  ग्रामीणों के अथक प्रयास के बाद भी प्रतिमा को पता नहीं लगाया जा सका  और न ही प्रशासन द्वारा खोज पाया गया । जिससे प्रखण्ड के आम भक्तगण  में भारी दुःख और आक्रोश है।  इस पर विचार करते हुए चरणबद्ध आंदोलन करने के संबंध में  विचार विर्मश किया गया और मंदिर समिति के द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक  को यह घटनाक्रम एवं जनता के आक्रोश और भावना की जानकारी देने की बात की गई  । जिसमें माँ के प्रतिमा को जल्द से जल्द बरामदगी की मांग की गई है । इस अवसर पर विहिप अध्यक्ष ने  ग्रामीणों को  दुःख  की घड़ी  पर ढाढ़स बंधाते हुए कहा कि माँ दुर्गा   हमलोग को छोड़कर कहीं नहीं जा सकती है। आज नहीं तो कल वे जरूर अपने भक्तों के पास लौट आएंगी । उन्होंने कहा की हम सभी लोगों को मिलकर तलाश जारी रखनी है और माँ से प्रार्थना करनी है कि  हमलोगो के पास लौट आएं उन्होंने सभी लोगों को संगठन से जुड़कर एकजुट और संगठित रहने की भी सलाह दिया । मौके पर मंदिर समिति अधिकारी, एवं गाँव के ग्रामिण सभी  उपस्थित थे।

इंदिरा गांधी चौक के सुंदरीकरण कार्य का विधायक भूषण बाड़ा ने किया निरीक्षण

सिमडेगा:विधायक भूषण बाड़ा ने केरसई प्रखंड मुख्‍यालय स्थिति इंदिरा गांधी चौक में हो रहे सुंदरीकरण कार्य का निरीक्षण किया। इंदिरा गांधी चौक का निर्माण विधायक मद से हो रहा है। मौके पर विधायक ने संवेदक को कार्य में गुणवत्‍ता का ख्‍याल रखने का निर्देश दिया। उन्‍होंने कहा कि स्‍व इंदिरा गांधी के नाम पर जिले का एकमात्र चौक केरसई में है। लेकिन दुर्भाग्‍य की इस चौक का सुंदरीकरण अब तक नहीं हो पाया था। मौके पर विधायक ने ग्रामीणों के साथ मुलाकात करते हुए उनकी समस्‍याएं भी सुनी। उन्‍होंने ग्रामीणों को भरोसा जताया कि जल्‍द उनकी सभी समस्‍याओं का समाधान किया जाएगा। वहीं विधायक ने प्रखंड में एक भी पीएचसी अथवा सीएचसी नहीं रहने से लोगों को बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सेवा नहीं मिल पा रही है। इसके लिए वे लगातार प्रयासरत हैं। उन्‍होंने कहा कि विधानसभा सत्र में भी इसके लिए आवाज उठा चुके हैं। साथ ही सरकार से भी केरसई प्रखंड मुख्‍यालय में स्थित स्‍वास्‍थ्‍य उपकेन्‍द्र को सीएचसी में तब्‍दील कराते हुए पर्याप्‍त मात्रा में चिकित्‍सक एवं स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति कराने की मांग कर चुके हैं। साथ ही अस्‍पताल में कई जरुरी जांच सहित अन्‍य कई सुविधाएं बहाल करने की सरकार से मांग की जा चुकी है। मौके पर जिप सदस्‍य जोसिमा खाखा ने भी अपने विचार रखे। उन्‍होंने कहा कि विधायक के पहल पर इंदिरा गांधी चौक का सुंदरीकरण किया जाना सराहनीय पहल है। मौके पर जिप सदस्य प्रेमा बड़ा,प्रखंड अध्यक्ष जेफरेन केरकेट्टा,प्रखंड अध्यक्ष सह जिला उपाध्यक्ष अजीत लकड़ा,सिमडेगा विधान सभा क्षेत्र युवा अध्यक्ष सोनल लकड़ा,विधायक प्रतिनिधि माइकल खरिया,विधायक प्रतिनिधि मूँश खेस,विधायक प्रतिनिधि सुरेंद्र प्रसाद,विधायक शशि प्रसाद,जिला महासचिव  सम्भू प्रसाद,मनोहर प्रसाद,अनूप लकड़ा,कृष्णा प्रसाद,फादर बोनीफास डुंगडुंग,बसारत अंसारी,अशोक प्रसाद,अजय कुमार,थाना प्रभारी नवीन कुमार,पंचायत अध्यक्ष नुवेल मिंज,ग्रेगोरी कुल्लू,अनिल केरकेट्टा,नीला नाग,सुशील टोप्पो,जॉन,महिला प्रखंड अध्यक्ष मधुचंद खलखो,अशरानी,लेलशन केरकेट्टा,रूपफेनिश डुंगडुंग,यूथ के सागर,जॉनी,राहुल, अरबिंद आदि उपस्थित थे।

पुलवामा हमले में शहीद विजय सोरेंग के कोचेडेगा स्थित आवास में दी गयी श्रद्धांजलि 

सिमडेगा:- जम्मू कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमलें में देश ने अपने कई वीर सपूतों को खो दिया था। उनमें से एक सिमडेगा जिला से संबध रखने वाले वीर जवान विजय सोरेंग भी उस हमले में शहीद हो गए थे। पुलवामा हमलें के शहीद दिवस पर सिमडेगा जिला के शहीद विजय सोरेंग के कोचेडेगा स्थित आवास में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित की गई। जिसमें उपायुक्त सिमडेगा अजय कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी समीर रैनियर खलखो सहित पूर्व सैनिक एवं जनप्रतिनिधियों ने शहीद विजय सोरेंग को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित  को। साथ ही शहीद विजय सोरेंग की धर्मपत्नी को शॉल ओढ़ाकर  सम्मानित  किया गया।मौके पर पूर्व सैनिक संगठन वेटर्ंस इंडिया ने जिला प्रशासन से शहीद के नाम पर उनके घर के पास के चौक का नामकरण करने की मांग रखी। उपायुक्त महोदय ने कहा की सिमडेगा वीरों का जिला है। उन्होंने शहीद के नाम पर चौक का नामकरण अवश्य ही करने की बात कहीं।मौके पर जीप सदस्य शांतिबाला केरकेट्टा एवं अन्य उपस्थित थे।

सिमडेगा में धूमधाम के साथ मनाया गया मकर संक्रांति का पर्व बाटे गए खिचड़ी

सिमडेगा : जिले में मकर संक्रांति का पर्व सोमवार को भी मनाया गया। इस मौके पर लोगों ने स्नान-दान कर चूड़ा-दही व तिलकुट का प्रसाद ग्रहण किया। शहर के चौक-चौराहों पर समाज सेवी एवं गणमान्य लोगों ने खिचड़ी प्रसाद का भी वितरण किया गया। इस मौके पर रोहिल्ला पथ पर रामरेखाबाबा की प्रेरणा से शहर के लोगों ने खिचड़ी एवं चिप्स बनाकर वितरण किया। मौके पर कौशल किशोर योगेंद्र रोहिल्ला, सत्येन्द्र रोहिल्ला, कृष्णा प्रसाद गुप्ता, विनोद अग्रवाल प्रह्लाद केशरी आदि उपस्थित थे। इधर शहर के आनंद भवन के पास भी समाजसेवियों के द्वारा खिचड़ी प्रसाद बनाकर लोगों के बीच वितरण किया गया इसके अलावा महावीर चौक के पास भी मार्केट कंपलेक्स परिवार की ओर से बनाकर वितरण किया गया। इधर मकर संक्रांति को लेकर सिमडेगा के शंख नदी संगम तट रामरेखा धाम स्थित कुंड एवं अन्य नदी जलाशयों में लोगों ने स्नान करते हुए दान पुन कर त्यौहार मनाया।

बोलबा स्थित वीर शहीद तेलेंगा खड़िया के स्टेच्यू का 21 को होगा अनावरण

बोलबा :- प्रखंड मुख्यालय स्थित वीर शहीद तेलेंगा खड़िया के स्टेच्यू का अनावरण आगामी 21 जनवरी को होगी । इस संबंध में जानकारी देते हुए विधायक प्रतिनिधि सह बीस सूत्री क्रियान्वयन समिति के प्रखण्ड अध्यक्ष संजय कुजूर ने बताया कि बोलबा प्रखण्ड मुख्यालय के मार्केट कांप्लेक्स के पास वीर शहीद तेलेंगा खड़िया के स्टेचू का अनावरण 21 जनवरी को 10:30 बजे किया जाएगा । उन्होंने बताया कि इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में कोलेबिरा विधानसभा के विधायक नमन विक्सल कौंगाड़ी एवं खड़िया ढोकलाम समाज के जिला अध्यक्ष मतियस कुल्लू मुख्य रूप से उपस्थित रहेंगे । बताया गया कि इस उद्घाटन के पावन बेला में सामाजिक,सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है । जिसमें उरांव, खड़िया, मुंडा समाज के लोगों के बीच प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा । इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में सभी समाज के लोग सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रदर्शन करेंगे । सामाजिक प्रतियोगिता दिखाने वाले लोगों को .बड़े ही आकर्षक उपहार के तौर पर प्रथम, , तृतीय के अनुरूप दिया जाएगा । इस मौके पर प्रखण्ड के तमाम लोगों को आमंत्रित किया गया है ।

सिमडेगा कॉलेज में आयोजित वन अधिकार अधिनियम कार्यशाला में पहुंचे केंद्रीय मंत्री अंर्जुन मुंडा

सिमडेगा भारत सरकार के माननीय केन्द्रीय, जनजातीय कार्य एवं कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुण्डा जी ने सिमडेगा कॉलेज ऑडिटोरियम पहुंच वन अधिकार अधिनियम कार्यशाला -सह- प्रशिक्षण कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। माननीय केन्द्रीय मंत्री जी का उपायुक्त सिमडेगा अजय कुमार सिंह ने पौधा भेंट कर स्वागत किया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, उपायुक्त महोदय अजय कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार, जिला परिषद अध्यक्ष रोस प्रतिमा सोरेंग, सिमडेगा विधायक प्रतिनिधि संतोष सिंह, कोलेबिरा विधायक प्रतिनिधि मो. समी आलम आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।कार्यक्रम में आईटीडीए निदेशक अमरेंद्र कुमार सिन्हा ने लोगो का स्वागत करते हुए जनजातीय लोगों को दिए जाने वाले वन अधिकार अधिनियम के बारे में विस्तृत जानकारी दी । उपायुक्त ने कार्यशाला -सह- प्रशिक्षण कार्यक्रम में माननीय मंत्री सहित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए वन अधिकार अधिनियम कार्यशाला के उद्देश्य को बताया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम, 2006 एवं बाद में भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय की 2008 एवं 2012 की अधिसूचना को संक्षिप्त रूप में वन अधिकार कानून, 2006 कहते हैं। यह कानून एक ऐतिहासिक विधान है, जिसका मूल मकसद अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासियों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को मिटाना है। स्वतंत्र भारत में भी इस एक्ट के पूर्व फॉरेस्ट राइट की मान्यता नहीं दी गई थी। किन्तु विगत वर्षों में यह पाया गया है कि इस कानून के क्रियान्वयन में स्टेकहोल्डर के बीच जागरूकता की कमी, प्रक्रियात्मक विलम्ब एवं जिम्मेवार व्यक्तियों की कमतर रूचि के फलस्वरूप इसका लाभ लक्षित समूह को नहीं दिया जा सका है। 30 जून, 2023 तक के देशभर आंकड़ों को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि झारखण्ड राज्य में भी इस कानून का अधिकतम लाभ लक्षित समूह को प्रदान नहीं किया जा सका है। इस तारीख तक जहां छत्तीसगढ़ में 4.57,145 तथा ओडिसा में 4,56,923 व्यक्तिगत वन पट्टा निर्गत किया गया है, वहीं इस राज्य में वन अधिकार कानून बनने के बाद से अब तक मात्र 59,866 वन अधिकार अधिनियम पट्टा ही निर्गत किया गया है। सामुदायिक वनपट्टा के मामले में जहाँ छत्तीसगढ़ में 45,965 पट्टे निर्गत किये गये हैं वहीं झारखण्ड में अब तक मात्र 2,104 सामुदायिक वनपट्टा निर्गत किया गया है। अन्य समस्याओं के अतिरिक्त इस कानून के निर्बाध क्रियान्वयन में सरकारी एवं वन अधिकार समितियों के बीच कानूनी प्रावधानों की कम समझ भी शामिल है।

राजस्व पंचायत स्तरीय राजस्व कर्मी एवं वन कर्मियों की भूमिका इस कानून के सफल क्रियान्वयन के लिए अनिवार्य है। राज्य सरकार द्वारा विगत दिनों इससे निपटने का व्यापक प्रयास किया गया है और “अबुआ बीर दिशोम अभियान” के माध्यम से ग्रामसभा के द्वारा वन अधिकार समिति का पुनर्गठन करते हुए वनोपज आश्रित आदिवासी तथा अन्य परम्परागत वन निवासियों को उनकेकब्जे की कृषि और आवासीय भूमि तथा कृषि संबंधी अन्य क्रियाकलापों जैसे बथान, खलिहान, बनोपज आदि की जमीन पर उनके अधिकारों को मान्य करने का प्रयास किया गया है। आदिवासी कल्याण आयुक्त के कार्यालय द्वारा एक एंड्रॉइड एप्लिकेशन तैयार कर वैयक्तिक एवं सामुदायिक वनपट्टा से संबंधित दावों की फाईलिंग एवं ट्रैकिंग के लिए झारफ्रा आवेदन पत्र तैयार किया गया है। जिसके सफल संचालन के माध्यम से वन अधिकार कानून का सिमडेगा जिले में सफल क्रियान्वयन हेतु आज इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। यह जानकारी देना आवश्यक है कि वन अधिकार कानून के अंतर्गत सिमडेगा जिले में वन अधिकार कानून के तहत 2021-22 तक कुल 9681 व्यक्तिगत वन पट्टा का वितरण किया गया है तथा 83 सामुदायिक वन पट्टा का वितरण किया गया है। जिसमें 10,434.29 एकड़ भूमि सम्मिलित है। विगत दिनों प्रत्येक वन ग्रामों में वन सभा का आयोजन कर कुल 438/454 वन अधिकार समिति का पुनर्गठन कर लिया गया है। इन वन अधिकार समितियों द्वारा पूर्व में प्राप्त वैयक्तिक एवं सामुदायिक दावों के निष्पादन के साथ-साथ नये दावों को भी प्राप्त कर नियमानुसार उसके निष्पादन की कार्रवाई प्रारम्भ की जा चुकी है। कार्यक्रम में लोगो को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने वन अधिकार अधिनियम कानून की जरूरत और इसके महत्व को बताते हुए कहा कि जनजातीय समुदाय को पहचान दिलाने के लिए वन अधिकार अधिनियम के माध्यम से वन पट्टा दिया जाना है। जंगल के महत्व को उन्होंने सभी उपस्थित लोगो को बड़े ही रोचक ढंग से बताया। सरकार के द्वारा आदिवासियों के हक एवम समृद्धि के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी साझा किया।उन्होंने कहा की जंगल हमारा है और हम जंगल के हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से कहा कि ग्राम सभा गठित करते हुए जनजातीय समुदाय को चिन्हित करते हुए वन पट्टा निर्गत करें। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि सिमडेगा जिला सबसे पहले इसे संपादित करे। जिससे यह जिला एक उदाहरण बने।मौके पर जिला कल्याण पदाधिकारी सरस्वती कच्छप अन्य पदाधिकारीगण एवं कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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