सिमडेगा में टीबी रोग के पहचान हेतु 28 जनवरी से 100 दिनों का चलाया जाएगा अभियान प्रशिक्षण संपन्न

सिमडेगा:-सदर अस्पताल स्थित सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में राष्ट्रीय यक्षमा उन्मूलन कार्यक्रम सिमडेगा एवं पिरामल स्वास्थ्य के संयुक्त तत्वधान में जिला में आगामी 28 जनवरी से 100 दिवसीय टीवी के एक्टिव मरीजों की पहचान हेतु अभियान चलाया जाएगा इसको लेकर शुक्रवार को सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में सिविल सर्जन की अध्यक्षता में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के वरीय चिकित्सा प्रवेशक वरीय यक्ष्मा प्रतिनिधि ,लैब पर्यवेक्षक ,पिरामल स्वास्थ्य कमेटी मोबिलाइजर एवं पिरामल स्वास्थ्य के जिला एवं राज्य के प्रतिनिधि के साथ बैठक हुआ जिसमें टीबी रोग के पहचान हेतु एक्टिव मरीजों का 100 दिवसीय पहचान कार्यक्रम के संचालन हेतु चर्चा की गई। उपस्थित लोगों को बताया गया कि 100 दिनों से कार्यक्रम के तहत सही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता वालंटियर स्वास्थ्य कर्मी टीवी रोग के लिए चिन्हित ग्रामों में घर-घर घूमकर संदेहास्पद मरीजों के बलगम संग्रहण करेंगे एवं उनवल गमों का जांच माइक्रोस्कॉपी पद्धति एवं उच्च स्तरीय जांच तकनीक के माध्यम से की जाएगी साधारण मान्यताओं के अनुसार 2 हफ्ते से ज्यादा खांसी को टीबी होने के लक्षण का तौर माना जा रहा है परंतु वर्तमान मान्यता अनुसार यदि किसी व्यक्ति को 2 सप्ताह से लगातार खांसी ,बलगम में खून आना, खासते छीकते वक्त दर्द का एहसास ,बुखार शाम के समय शरीर गर्म होना ,वजन में लगातार गिरावट, भूख ना लगना रात में पसीना आना ,कमजोरी थकान ,शराब का सेवन, पेट में गड़बड़ी ,गले में सूजन ,अनियमित मासिक धर्म ,एचआईवी डायबिटीज कैंसर पीड़ित इन सभी लोगों का सैंपल लिया जाएगा ।मौके पर सिविल सर्जन ने अपील की है कि इस बीमारी से बचाव के लिए हमें एकजुट होना पड़ेगा एवं टीवी रोग के खात्मे के लिए एकजुट होकर अपने परिवार पड़ोसी मोहल्ले वाले ग्रामवासी अथवा समाज में रहने वाले लोगों को टीबी के लक्षण के बारे में बताएं उन्हें सरकारी अस्पताल भेजे टिबी रोग से परिवार समाज देश को बचाएं कोई भी पीछे नहीं छूटे इसके लिए सभी लोगों को पहल करने की आवश्यकता है।

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