जलडेगा :किसानों की आय दुगुनी करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र सिमडेगा द्वारा समेकित कृषि प्रणाली पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को प्रखंड संसाधन केंद्र लीड्स सभागार में किया गया। प्रशिक्षण के पहले दिन कृषि विज्ञान केंद्र सिमडेगा के प्रधान वैज्ञानिक सह पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. हिमांशु सिंह ने किसानों को पशुपालन से संबंधित बीमारी और उनसे बचाव से संबंधित जानकारी दिया। उन्होंने किसानों को समय – समय पर अपने पशुधन को वैक्सिनेशन करने के लिए प्रेरित किया। और पशुपालन को बढ़ावा देने की बात कही। प्रशिक्षण ले रहे किसानों से उन्होंने कहा कि अगर खेती में सफल बनाना है तो समेकित कृषि पद्धति को अपनाना अनिवार्य है क्योंकि समेकित कृषि पद्धति एक ऐसा तकनीक है जिसमें किसान एक साथ मुर्गी, बत्तख, पशु, मछली पालन के साथ-साथ सब्जी खेती को अपनाते हैं। इसमें नुकसान कम और आय में वृद्धि होता है साथ ही जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम परिवर्तन से आज अतिवृष्टि, अनावृष्टि का समस्या से होने वाला नुकसान का भी किसानों को कम खतरा होगा। वहीं सस्य वैज्ञानिक डॉ पंकज सिंह ने किसानों को प्रकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन किया। उन्होंने कहा कि किसान हमारे पूर्वज का दिया हुआ वरदान को भूल रहे हैं हमारे पूर्वज पहले देसी खाद और बीज का उपयोग करते थे, लेकिन आज हम अपने खेतों में फसल उगाने के लिए जहर बो रहे हैं जिसका असर आज मानव स्वास्थ्य पर पड़ रहा है अगर ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले समय में बच्चे कमजोर और बीमार पैदा होंगे। मौके पर उपस्थित जलडेगा एग्रो के सीईओ सोनू सिंह ने किसानों को कृषि के हर क्षेत्र में हर संभव मदद करने के लिए आशान्वित किया। लीड्स के कार्यक्रम समन्वयक आलोक कुमार ने लीड्स द्वारा संपोषित आईएलडीसी संचालित होने के बाद अपने पशुओं को इलाज करा कर अधिक मुनाफा करने की बात कही। इस दौरान राजेंद्र काशी, संजय कुमार नाग, रामेश्वर काशी, कुसुमलता लुगुन, अलका लुगुन, सुरेंद्र प्रसाद, ढोलो सिंह, सोनू बडाईक, जलडेगा एग्रो के प्रबंध निदेशक रजनी कुमारी, कलिंद्र प्रधान सहित कई किसान उपस्थित थे।
