सिमडेगा:- भारत सरकार के आईएएस अधिकारी कमलेश कुमार पंत का सिमडेगा जिला में हुआ आगमन-उपायुक्त सिमडेगा सुशांत गौरव ने पुष्पगुच्छ भेंट कर श्री पंत का स्वागत किया। चेयरमेन एनपीपीए, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय भारत सरकार कमलेश कुमार पंत जिला के विकासशील गतिविधियों का जायजा लेने पहुंचे है। पहले भ्रमण में श्री पंत ने लरबा डैम की ओर रूख किया, डैम के जलाशय में क्रियान्वित केज कल्चर से स्थानीय जन को मछली पालन से आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों का जायजा लिया, वहीं स्थानीय ग्रामीणजन से सीधे रूबरू हुये। प्रकृति की वादियों में बसा लरबा डैम की खुबसुरती को देख प्रभावित हुये, कहा जगह तो अच्छा है, डैम में पानी हमेश रहता है, जैसे जानकारी के बारे में उपायुक्त से मुखातिब हुये।

उपायुक्त ने आवश्यक बातें बताईं, वहीं मछली पालन के साथ-साथ बांस कारीगरों को किस प्रकार स्थानीय स्तर पर आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है, के बारे में भी बताया। लरबा डैम को पर्यटक स्थल के रूप में चिन्हित करते हुए विकास के कार्य यथा- एनएच 143 से डैम तक सड़क का निर्माण, डैम में लाईटिंग, केज कल्चर में लाईटिंग, हाई मास्क लाईट जैसे कार्यों किये जायेंगे। कमलेश कुमार पंत नाव से जलाशय के बीच क्रियान्वित केज कल्चर की योजना के मॉडल का निरीक्षण किया। जलाशय की मछलियों का अवलोकन किया, वहीं फिश फिड हाउस का जायजा लिया, मछलियों का आहार स्टॉक में योजना के क्रियान्वित समय अवधि तक के लिया किया गया है। उन्होने मत्स्य जीवी समिति के सदस्यों से आवश्यक जानकारी ली। मछली पालन की योजना को बेहतर बताया कहा कि योजना अच्छी पहल है, समिति इसका सही देख-रेख करते रहें। मछली पालन के सफल क्रियान्वयन हेतु बाजार व्यवस्था का एमयू साईन कर लेने की बात कही। कहा कि पर्यटक स्थल के रूप में डेवलोप होने से स्थनीय जन के आय के स्रोत में बढ़ोतरी होगी, स्वरोजगार का आधार मिलेगा। श्री पंत ग्रामीणों से रूबरू होने के क्रम में कहा कि क्षेत्र की आर्थिक जरूरत को पुरा करने का प्रयास जिला प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है। अन्य जिलों के मुकाबले सिमडेगा जिला को भी बराबरी पर लाना है। आपके जिले में अच्छा कार्य हो रहा है, इससे मैं प्रसन्न हुं। आप लोगों को आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुये बिजनेश मॉडल को विकसित करने का कार्य किया जा रहा है, इससे आपको रेगूलर आय होता रहेगा, यह बहुत अच्छी पहल है। मैं नई दिल्ली भारत सरकार की ओर से आया हूं, जिले में डेवलोपमेन्ट कार्य के मॉडल को देखने के लिये। उन्होेने कहा कि बांस शिल्पकारों को भी जिले में हुनरमंद बनाते हुये आत्मनिर्भर कर स्वरोजगार से जोड़ते हुये आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है, टुल किट से आप आसानी से कार्य को तेजी से कर सकेंगे, इससे आपको अधिक आमदनी होगी, कम समय में ज्यादा सामग्री बनेगा। उन्होने अन्त में सभी ग्रामीणों को शुभकामनाएं दी। मौके पर 20 बांस कारीगरों के बीच टुलकिट का वितरण किया गया। मौके पर जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला नियोजन पदाधिकारी, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, थाना प्रभारी व अन्य उपस्थित थें।
