गुमला जिला कुसुम टोली के 5 मजदूर मनोज उरांव 2. जितेंद्र उरांव 3.. राम गोप 4..जितिया मिंज 5.. संजय उरांव… बहुत ही गरीबी होने के कारण एवं अपने परिवार वाले की दैनिये स्थिति को देखते हुए घर छोड़कर गोवा कमाने चले गए थे। गोवा के रहने वाले डोमिनिक देसाई ने इन मजदूरों को बुलाकर गोवा में बोट में रखकर मछली पकड़ने का काम करवाया करता था, और प्रतिमा ₹10000 मजदूरी देने की बात कही थी। एक माह काम करने के बाद मजदूरों ने अपना मजदूरी मांगा परंतु डोमनिक देसाई के द्वारा बात को टालमटोल करके टाल दिया गया। इसी तरह तीन माह मजदूरों ने काम किया परंतु इन्हें ₹1 का भुगतान नहीं किया गया । तथा डोमनिक के द्वारा मजदूरों को खाने-पीने एवं रहने की भी कोई व्यवस्था नहीं दी गई थी। किसी तरह यह लोग अपने गुजर-बसर कर रहे थे। ये मजदूर अपने परिवार वाले को एक 1 रुपए भी कमा कर नहीं भेज पाया, पैसा नही होने के कारण इनके परिवार वाले का जीवन गुजर बसर करने मे काफी दिक्कत हो रही थी। उनके परिवार वालों ने कई लोगों से कर्ज लेकर अपना गुजारा किया । ये मजदूर वहां से किसी तरह भागकर अपने गांव पहुंचे और असंगठित कामगार जिलाध्यक्ष मुख्तार आलम से मिलकर अपना दुख सुनाया । मुख्तार आलम ने संज्ञान में लेकर अपने टीम के साथ श्रम अधीक्षक कार्यालय पहुंच कर श्रम अधीक्षक महोदय इतवारी महतो से मिलकर लिखित रूप से मामला को दर्ज करवाया है। श्रम अधीक्षक महोदय ने अभिलंब संज्ञान में लेकर स्टेट कोऑर्डिनेटर से संपर्क किया है और समन्वय बनाकर जल्द से जल्द मजदूरों का बकाया राशि की भुगतान की जाएगी ।मुख्तार आलम में श्रम अधीक्षक का आभार प्रकट किया।मुख्य रूप से उपस्थित.. असंगठित कामगार जिला उपाध्यक्ष पप्पू अनवर, जिला महासचिव जलेश्वर गोप, जिला सचिव उपेंद्र साहू उपस्थित थे।
