धूमधाम के साथ सिमडेगा में निकली सरहुल शोभायात्रा, ढोल नगाड़े के तर्ज पर थिरकते नजर आए लोग

विकास साहू

सिमडेगा में प्रकृति पर्व सरहुल को लेकर उत्साह चारों ओर देखने को मिला जहां पर सोमवार को सरना धर्मावलंबियों के द्वारा सिमडेगा के सलडेगा स्थित मुख्य सरना स्थल पर पहान बाबूलाल उराव एवं बिरसा माझी की मौजूदगी में विशेष रुप से पूजा अर्चना करते हुए सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान सर्वप्रथम सरना स्थल की पारंपरिक वेशभूषा के साथ परिक्रमा की गई इस दौरान काफी संख्या में महिलाएं एवं युवतियां उपस्थित रहे जहां पाहनो के द्वारा विधि-विधान पूर्वक साल वृक्ष एवं सरना स्थल में वास करने वाले सरना माता,सरना, बाबा ग्राम देवी देवताओं को विधि विधान पूर्वक पूजन किया गया।साथ ही सामूहिक रूप से समस्त जिलेवासियों और भारत वासियों के सुख-समृद्ध की कामना की गई। वैश्विक महामारी कोरोना को खात्मे के लिए प्रार्थना की गई। पूजन के बाद प्रसाद का वितरण किया गया एवं पाहन के द्वारा सभी को तिलक लगाकर और साल का फुल देकर आशीर्वाद दिया गया।इधर सरना स्थल में आशीर्वाद स्वरूप पवित्र जल का वितरण शुक्रवार की सुबह सात बजे से ग्यारह बजे तक किया जाएगा।सभी लोग पवित्र जल को ले जाकर घर में रखेंगें वही बाबूलाल उरांव के द्वारा सरना स्थल पर रखे गए घड़े की पानी देखकर उन्होंने भविष्यवाणी करते हुए इस वर्ष अच्छी बारिश होने की बात कही।

इधर केंद्रीय सरना समिति सिमडेगा के पदाधिकारियों के पहल पर सभी प्रकार के कार्यक्रम संपन्न होने के बाद सिमडेगा कचहरी के समीप बने मुख्य सरना स्थल तक पैदल शोभायात्रा का आयोजन किया गया शोभायात्रा में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं एवं युवतियां तथा पुरुषों के द्वारा ढोल नगाड़े के ताल पर सलडेगा से थिरकते हुए पैदल सिमडेगा के मुख्य कार्यक्रम स्थल तक थिरकते हुए नजर आए। मौके पर विधि व्यवस्था को लेकर सिमडेगा के कार्यवाहक थाना प्रभारी सुभाष बाड़ा सहित पुलिस के जवान जगह जगह पर तैनात रहता की शोभा यात्रा के दौरान किसी प्रकार का माहौल खराब ना हो ।वही झारखंड सरकार के जारी गाइडलाइन के अनुसार केंद्रीय सरना समिति द्वारा डीजे नहीं थी ,केवल ढोल नगाड़े के ताल पर सभी लोग ही रखते हुए पूरे माहौल को सरहुलमय कर दिया कर दिया। इधर कचरी समीर सरना स्थल पर अलग-अलग समूह के द्वारा वहां पर पहुंचकर एक से बढ़कर एक पारंपरिक वेशभूषा के साथ नृत्य प्रस्तुत किया जिसके बाद मौके पर संबोधित करते हुए सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष हरीश चंद्र भगत ने कहा कि इसी प्रकार सभी लोगों को अपने समाज अपनी कला संस्कृति और विरासत को बचाए रखने के लिए सरहुल पूजा करने की आवश्यकता है ताकि आने वाले दिनों में हमारी परंपरा बची रहे

वहीं विहिप के जिला अध्यक्ष कौशल राज सिंह देव ने भी लोगों को सरहुल पर्व की शुभकामना देते हुए कहा कि हमारे आदिम जनजाति काल से ही क्षेत्र में शर्मा सनातन को लोग मानते हैं और महादेव की स्थापना कर विशेष पूजा किया जाता है और सरहुल सबको संदेश देता है कि जिस प्रकार क्षेत्र का माहौल हरा भरा होता है उसी प्रकार जीवन में भी सभी लोगों को हरियाली लाने की आवश्यकता है। मौके पर चिक बडाइक,रौतिया समुदाय, गोडवाना छात्रों के द्वारा प्रस्तुति दी। इधर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए केंद्रीय सरना समिति के सचिव विजय उरांव,शंकर भगत,रोहित लकड़ा, संजय उरांव,बंधना उरांव,परमेंश्वर उरांव,पुना बेसरा,लहरू सिंह, भुनेश्वर सेनापति ,भरत मांझी,सुभाष भगत, राजकिशोर बेसरा,जितेन्द्र भगत, संजय साहु ,कमल सेनापति आदि उपस्थित रहे।

धूमधाम से पुलिस लाइन सिमडेगा में भी पुलिस जवानों ने किया सरहुल पूजा

इधर सिमडेगा पुलिस लाइन में पुलिस जवानों के द्वारा पुलिस लाइन में बने सरना स्थल पर विधिवत रूप से पारंपरिक वेशभूषा के साथ सरहुल पूजा का आयोजन किया इस दौरान मुख्य रूप से बिरसा उरांव के द्वारा सभी प्रकार के अनुष्ठान किया मौके पर पुलिस जवानों ने कहा कि ड्यूटी के दौरान हम अपने गांव नहीं जा सकते हैं लेकिन यहां पर पुलिस लाइन में बनाए गए सरना स्थल के माध्यम से जिले की सुख-समृद्धि और परिवार सहित सभी लोगों के लिए कामना करते हुए यहां पर सरहुल का पूजा किया । इधर कार्यक्रम सिमडेगा एसपी एसडीपीओ डीएसपी सहित पुलिस पदाधिकारी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे जहां पर उनका अतिथि सत्कार किया गया। इसके अलावा सिमडेगा सदर प्रखंड अंतर्गत तामडा पंचायत में आदिवासी लोहरा समुदाय के लोगों के द्वारा सरना स्थल पर विशेष रूप से सरना झंडा लगाकर सरहुल पूजा का आयोजन किया और सुख समृद्धि की कामना की।

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