ब्रह्मलीन रामरेखा बाबा जयराम प्रपन्नाचार्य महाराज की 15वीं पुण्यतिथि पर उमड़े श्रद्धालु

सिमडेगा : पावन धर्म स्थली श्रीरामरेखाधा में ब्रह्मालीन श्रीरामरेखाबाब जय राम प्रपन्नाचार्य जी महाराज की 15वीं पुण्यतिथि पर आयोजित तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का समापन शनिवार को किया गया। सुबह में अखंड हरिनाम जाप का समापन, हवन पूर्णाहुति के पश्चात विशाल भंडारा का आयोजन किया गया। कोरोना के कारण 2 वर्षों से सादे समारोह के बीच बाबा के पुण्यतिथि का आयोजन किया जाता था लेकिन इस बार सरकार द्वारा मिली छूट के बाद बृहद रूप से इसे किया गया जहां पर हजारों की संख्या में लोग आकर प्रसाद ग्रहण किया ।धाम में पहुंचे भक्तों के जय श्री राम, जब तक सूरज चांद रहेगा बाबा तेरा नाम रहेगा आदि जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो उठा था। आचार्यों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ गुफा में विराजमान श्रीराम, जानकी, लक्ष्मण, जगन्नाथ महाप्रभु तथा राधा कृष्ण के विग्रहों की पूजा अर्चना कराई। भंडारा में सैकडों की संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। अनुष्ठान में बनारस, काशी, ओडिशा, छत्तीसगढ, बिहार आदि राज्यों से काफी संख्या में भक्त पहुंचे थे।*कुंड में लगाई डुबकी*श्रीरामरेखाधाम में आने वाले भक्तों ने धनुष कुंड में स्नान कर गुफा में विराजमानों भगवान के विग्रहों की पूजा अर्चना की । जिसके बाद धाम परिसर में बने बाबा के समाधि स्थल पर माथाटेक कर अपने व परिवार के उज्ज्वल व मंगल भविष्य की कामना की।*महान संत थे रामरेखा बाबा : उमाकांत जी*सिमडेगा: ब्रह्मलीन रामरेखा बाबा जयराम प्रपन्नाचार्य जी महराज की 15वीं पुण्य तिथि पर आयोजित तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान में कई तीर्थ स्थलों से संतों का आगमन हुआ था। संत समागम में धाम के महंत उमाकांत जी ने कहा कि रामरेखा बाबा एक महान संत थे। उनमें साक्षात भगवान श्रीराम का वास था। आज भी हम सबों को धाम में बाबा के उपस्थिति का आभास होता है। मनुष्य का जीवन काल कुछ ही पलों का होता है। हम सबों को उसी कुछ समय निकाल कर भगवान राम का नाम जाप कर लेना चाहिए। उनके नाम जाप से ही मनुष्यों के सारे पापों का अंत हो जाता है। किधर तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान को संपन्न कराने के लिए रामरेखा धाम विकास समिति के सभी पदाधिकारी एवं आसपास के दर्जनों गांव के लोगों की सराहनीय भूमिका रही

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