सिमडेगा:के सदर अस्पताल से सेवा मुक्त जिले के 16 नर्सों ने इंटक प्रदेश सचिव दिलीप तिर्की की अगवाई में माननीय उच्च न्यायालय में केस किया है।न्यायालय से नोटिस मिलते ही नर्सो के सेवा काल के बकाया राशि का भुगतान मिलने पर धन्यवाद दिया। सभी ने कहा कि उच्च न्यायालय से नोटिस आने के बाद बकाया भुगतान होने से हमारा मनोबल बढ़ा है। इसी भुगतान के लिए पूर्व में सीएस. को कितनी बार हमने कहा था लेकिन हमेशा उनके द्वारा कहा गया था कि पैसा नही है देने के लिए। लेकिन आज वेतन का सारा भुगतान हो गया है। दिलीप ने सभों को कहा कि यह आपकी लड़ाई है जिसमे मैंने सिर्फ रास्ता दिखलाया और साथ दिया है। यह आपकी पहली जीत है। अगले महीना में आपलोगों का केस में बहस होगी और अंततः आपकी ही जीत होगी। क्योंकि मृत्यु के दौर में आपलोग जिले में जीवन संचार का माध्यम बने थे। माननीय न्यायालय आपकी यह बलिदान के बदले आपकी जीत के रूप में एक सुंदर उपहार जरूर देगी। दिलीप ने यह भी बताया कि आरटीआई के द्वारा सिविल सर्जन से प्रश्न किया था कि जिले में विगत 2 महीने में कितने लोगों को रेफर किया गया था। जिसमे उनके द्वारा गलत जानकारी उपलब्ध कराई गई है। जिसे दिलीप द्वारा नर्सों के केस के साथ कोर्ट में आरटीआई डाटा को सबमिट कर दिया गया है। क्योकि आइसीयू और पी आइसीयूके बंद होने के कारण कितने लोगों को मौत का रास्ता और अस्पताल के बावजूद सिर्फ रेफर के सिवा कोई विकल्प नही मिलता। फिर इनको सरकार द्वारा वेतन देकर जनता का पैसा क्यो बर्बाद किया जा रहा। जब इनके वजह से जिले को कोई लाभ नही। साथ ही आउटसोर्सिंग कंपनी के द्वारा जो भी बहाली अस्पताल में हो रही उसे भी कोर्ट के माध्यम से रोक लगाने की पहल हो रही ताकि सभी स्थानीय नर्सो और लोगो को योग्यता नुसार यहाँ बहाली किया जा सके।
