पाकरटांड:- प्रखंड अंतर्गत कैरबेड़ा पंचायत के डूमरडीह राजस्व ग्राम के तुरतुरीपानी गाँव में अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी,वन अधिकारों की मान्यता 2006 एवं संशोधित नियम 2012 तहत सामुदायिक वन अधिकार एवं सामुदायिक वन संसाधनों पर अधिकार हेतु अधिनियम की धारा 3(1) का (झ) एवं धारा 5 के तहत गाँव के परंपरागत सीमा के अंतर्गत ग्राम सभा का अधिसूचना बोर्ड गड़ी ग्राम सभा अध्यक्ष मिखाइल लकड़ा के नेतृत्व में गांव के पाहन देवकरण बैगा द्वारा विधिवत पूजन करते हुए किया गया।इस शुभ अवसर पर झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन जनसंगठन अनूप लकड़ा,खुशीराम कुमार एवं बिनीता खाखा(मुखिया कैरबेड़ा) को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया।इस अवसर पर खुशीराम कुमार ने कहा कि वनाधिकार कानून 2006 एक केंद्रीय कानून है जो जम्मू और कश्मीर को छोड़कर सम्पूर्ण भारत में लागू है।अब हमारे लोगों को कानून की जानकारी रखना होगा और अपने अधिकारों को बढ़ चढ़ कर लेना होगा। जल जंगल जमीन हमारे पूर्वजों के द्वारा दिया हुआ विरासत है इसे हमें हर हाल में बचाकर रखना होगा चूँकि जंगल हमारी आजीविका के साथ साथ संस्कृति भी है।पृथ्वी और पानी को बचाने के लिए जंगलों को रहना जरूरी है इसलिए पेडों की कटाई को रोकना होगा। मौके पर अनूप लकड़ा ने कहा कि वन पट्टा अभी तक सरकार द्वारा निर्गत नहीं करना यह बहुत बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है ऐसा लगता है कि यहाँ के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित रखने की मानसिकता को दर्शाता है।

ग्राम सभा की अधिसूचना बोर्ड गड़ी हमारे अधिकार के क्षेत्रों को उपयोग, सरंक्षण एवं प्रबंधन करने का अधिकार प्राप्त है।इसलिए अपने क्षेत्रों में बोर्ड गड़ी कार्यक्रम किया जाता है।कभी कभी देखा जाता है है कि कुछ दलाल किस्म के लोगों के द्वारा गाँव की एकता को अपने स्वार्थ के लिए तोड़ने का प्रयास किया जाता है इससे बचना होगा और अपने एकता बरकरार रखना होगा। इस कार्यक्रम में महेश महतो,अनिल कुजूर, प्रदीप डुंगडुंग,सरण कुजूर, मनबोध बड़ाईक केशव प्रधान,एलिसबा किंडो, ब्रिजिनिया कुजूर, पुष्पा लुगुन, सीता देवी, महेश प्रधान सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।