इसके बाद राजीव का हाथ उनके पिता राज कपूर ने थामा और उन्हें अपनी ही फिल्म ‘प्रेम रोग’ में अपना सहायक बनाया। कलाकारों को देखकर राजीव की एक अभिनेता बनने की प्रबल इच्छा थी इसलिए उन्होंने वर्ष 1983 में रिलीज हुई फिल्म ‘एक जान हैं हम’ से अभिनय में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कर दी। यह फिल्म नाकामयाब रही। इसके बाद राजीव टोनी जुनेजा की फिल्म ‘आसमान’, रविंद्र पीपट की फिल्म ‘लावा’ और नासिर हुसैन की फिल्म ‘जबरदस्त’ में नजर आए लेकिन ये फिल्में भी फ्लॉप हो गईं।
आशुतोष गोवारिकर की ये फिल्म अधूरी छोड़ गए राजीव कपूर, संजय दत्त से होना था पर्दे पर सामना
