आलोक कु साहू

जलडेगा:प्रखण्ड के कई गांव पेयजल समस्या से जुझ रहे हैं। कहीं कुआं सुख गया है, तो कहीं जलमीनर स्थापन के नाम चापाकल उखाड़ दिया गया है तो कहीं पेजयल आपुर्ती के नाम पानी बह रहा है। और इस बिषम परिस्थिति अधिकारी अपने कुर्सी में जमें हुए पीएचडी प्रखण्ड जेई जिले से अपना डियूटी निभा रहे है। समस्या को देखने व सुनने वाला कोई नहीं है। प्रखण्ड के लमडेगा पंचायत अंतर्गत तोयोरदा निवासी ग्रामीण आज भी साफ पानी को मोहताज हैं। गांव में न ही चापाकल है न ही जलमीनार है और न ही किसी योजना के तहत अच्छे कुएँ का निर्माण हुआ है नतीजा यह है कि तोयोरदा निवासी बुजुर्गों द्वारा बनाये गए कुएं जिसका पानी पूरी तरह से गंदा है उसे पीने को विवश हैं। भारी गर्मी के बीच एकमात्र कुँआ भी सूखने के कगार पर है। तयोरदा निवासी हाबिल तोपनो,सुरशेन तोपनो,मरियम तोपनो,जुलियानी तोपनो,सुमंती तोपनो ने कहा कि ऐसे दूषित पानी को बच्चों को पिलाने में बहुत डर लगता है कि कहीं बच्चे बीमार न हो जाएं। इस समस्या को लेकर कई बार मुखिया ओर अधिकारियों को आवेदन दिया गया है किंतु किसी ने समाधान नही किया सभी जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट मांगने आते हैं हमारी चिंता किसी को नही है। ग्रामीणों ने कहा की गांव के ऊपर में भी एक कुँआ है लेकिन वो भी पूरी तरह से सुख चुका है अब एकमात्र यही कुँआ है किंतु ये भी सूखने के कगार पर है अगर ये भी सुख गया तो ग्रामीणों के साथ साथ जानवरों को भी काफी परेशानी उत्पन्न होगी।