सेविका – सहायिका हर माह अपने मानदेय से देती हैं एक हजार रुपए

जलडेगा: प्रखंड के बनजोगा आंगनबाड़ी केंद्र का हाल काफी खराब है। जिसके कारण आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की उपस्थिति काफी कम होती है। स्कूल पूर्व शिक्षा एवं बच्चों को पोषण के मद्देनजर सरकार द्वारा चलाया जा रहा आंगनवाड़ी केंद्र जलडेगा में अपने उद्देश्य में सफल नहीं होता दिख रहा है। इस आंगनबाड़ी केंद्र पर सुविधाओं का भी घोर अभाव है। जिसकी वजह से आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति बद से बदतर हो गई है। सरकार की आंगनबाड़ी केंद्र अब मनचलों का अड्डा बन गया है, आस पास कचड़ा बिखरा पड़ा है। आंगनबाड़ी केंद्र में खिड़की और दरवाजा नहीं है।फर्श भी टूटे-फूटे हुए हैं, ग्रामीण बताते हैं कि आंगनबाड़ी केंद्र यहां नहीं चलता है। बल्कि भाड़े के रूम में गांव में चलता है। ग्रामीणों के कहने पर जब हमने भाड़े के आंगनबाड़ी केंद्र पर गया। तो यहां 25 में से मात्र 5 बच्चे उपस्थित मिलें।
मौके पर सहायिका बसंती तोपनो बच्चों को बैठाकर पढ़ा रही थी। जिससे पूछने पर पता चला कि मरम्मती के अभाव में आंगनबाड़ी केंद्र बर्बाद हो रहा है। कोई सुनने और देखने वाला नही है, जिसके कारण गांव के ही अनसेलम तोपनो नामक एक व्यक्ति के घर को भाड़े में लेकर आंगनबाड़ी केंद्र चलाया जा रहा है। सेविका एनी होरो और साहियिका बसंती तोपनो दोनो मिलकर अपने मानदेय के पैसे को किराया के तौर पर प्रत्येक माह मकान मालिक को एक हजार रुपए दे रही है। सहायिका बसंती तोपनो ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र में कुल 25 बच्चे नामांकित है लेकिन सुविधा के अभाव में बच्चे नहीं आते हैं। गौरतलब हो कि सिमडेगा जिले में 15वें वित्त आयोग की राशि से जिले के सैकड़ो जगह पर मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र का विकास किया गया है जो कि महज एक दिखावा है ।रंग रोगन कर आंगनबाड़ी को तो बढ़ावा कर दिया गया ।लेकिन स्थिति जस की तरह से आज भी है।कई प्रकार की सामग्री रखरखाव आदि चीजों की कमी है ।जिसे एक तरह से कहा जा सके कि सरकारी पैसे की पूरी तरह से बंदर बांट की गयी।

क्या कहते समाज कल्याण पदाधिकारी
इधर इस मामले में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सभी सीडीपीओ एवं सुपरवाइजरों को निर्देशित किया गया है कि वैसे जगह जहां पर आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर हो गया है तो उन जगहों पर पास के नजदीकी सरकारी भवन या खाली पड़े स्कूल को चिन्हित करते हुए सूची दे। जिससे कि उसे शिफ्ट किया जा सके ,साथ ही उन्होंने बताया कि जहां पर आंगनबाड़ी नहीं है वैसे जगह पर भूमि चिन्हित करते हुए नया आंगनबाड़ी के लिए प्रस्ताव दिया गया। साथ उन्होंने कहा कि अगर यहां पर आंगनबाड़ी केंद्र भाड़े पर चल रहा है तो यह मामला संज्ञान पर लिया जाएगा और सरकारी प्रावधान के तहत जो भी प्रक्रिया होगी इसके तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही आंगनवाड़ी की जो भाड़ा राशि है उसके लिए विभाग की तरफ से जो भी प्रावधान बनेगा उसे पर उन्हें दी जाएगी।
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