झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन जनसंगठन की हुई बैठक,वनाधिकार समिति की 15 सदस्यीय समिति का किया गया गठन

पाकरटांड:- प्रखंड के कैरबेड़ा पंचायत के डूमरडीह मौजा,तुरतुरीपानी,चरकुडीह,भंडारटोली,पन्नाटोली के लोगों की एक बैठक की गई।बैठक में कोविड-19 की गाईड लाइन का अनुपालन करते हुए झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन जनसंगठन के अनूप लकड़ा एवं खुशीराम कुमार को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया।बैठक की अध्यक्षता अनिल कुजूर ने किया।इस बैठक में वनाधिकार समिति का 15 सदस्यीय समिति का गठन किया गया।जिसमें अध्यक्ष प्रदीप डुंगडुंग,सचिव महेश महतो,सदस्य रोशन किंडो, फिलिसियन मिंज, सुषमा डुंगडुंग, मनबोध बड़ाईक, पिलकस डुंगडुंग, निरन्तर मिंज को बनाया गया।मौके पर अनूप लकड़ा ने अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता )अधिनियम 2006 एवं 2008 के बारे में जो अधिकार दिया है उसे हमारे लोगों को जानने की जरूरत है। चूंकि जानकारी की कमी के कारण हमारे बीच से ही बिचौलिए किस्म के लोग अपनी निजी स्वार्थ के लिए हमारे लोगों छलने और ठगने का काम करते हैं।लेकिन अब हमें कानूनों की जानकारी रखनी होगी और अपने अधिकारों के लिए आगे आना होगा। इस अवसर पर खुशीराम कुमार ने कहा कि जंगल हमारी जीविका के संसाधन के साथ साथ संस्कृति भी है।जंगल है तो जिंदगी है।इसलिये अब हमें पेड़ों की कटाई को रोकना होगा तथा जैव विविधता को नुकसान न पहुंचे इसका भी ख्याल रखना होगा।हमारे पूर्वजों ने जल जंगल जमीन के रूप में  ये धरोहर के छोड़कर गए हैं अब हमारा फर्ज बनता है कि हमें भी आने वाले हमारे भविष्य के लिए बचाकर रखना होगा।इस बैठक में मुख्य रूप से मिखाइल लकड़ा, प्रदीप महतो, संजय डुंगडुंग, रोजलिया डुंगडुंग, मेरी प्रभा लकड़ा, मेरी ग्रेस सोरेंग, एलिसबा किंडो सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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