स्टेडियम निर्माण कार्य की गुणवत्ता का इंटक नेता ने किया निरीक्षण,कहा बाउंड्री एवं और कई कार्यों की गुणवत्ता ठीक नहीं है

सिमडेगा:-शहरी क्षेत्र अंतर्गत पुराने बाजार वाले स्थल में जो स्टेडियम का कार्य चल रहा उसपर आरईओ, स्पेसल डिवीजन और एनआरईपी विभाग से अलग अलग कार्य संवेदकों द्वारा कराया जा रहा। जिसके काम की गुणवत्ता में कांग्रेस प्रदेश सदस्य सह इंटक प्रदेश सचिव दिलीप तिर्की ने कई प्रश्न खड़े किए। दिलीप ने कहा कि यह स्टेडियम वही है, जिसपर खुद कई बड़े अधिकारियों ने निरीक्षण कर यह कहा था कि बाउंड्री एवं और भी कार्यों की गुणवत्ता ठीक नही है। लेकिन सुधार कभी नही किया गया और उसी स्थिति में काम को लगभग पूर्ण करा दिया गया। स्पेसल डिवीजन से संवेदक रवि कुमार द्वारा पूरा बाउंड्री का काम हुआ। जिसके सभी पिलरों में अभी ही दरार आ गए जिसे फिर ऊपर से सीमेंट से साट कर सफेद रंग से पोत दिया गया है। इसी विभाग से स्टेडियम के अंदर जो शीट(ट्रस) के खंभे लगे हैं। उसमे एक तरफ 3.45 इंची और दूसरी तरफ 4.45 इंची के खंभे लगे हैं।एक जहग के काम मे खंभे अलग अलग कैसे लग सकते हैं? उसी तरह आरईओ विभाग ने संवेदक अशोक नाग द्वारा मुख्य मार्ग के पास पूरा फर्स ढलाई का काम कराया। जिसका टेंडर भी हुआ और प्राकलन में साइज पत्थर हैं। लेकिन जिस ओर लोग रोड से चलते फिरते सीधे देख सकते हैं, उस तरफ साइज पत्थर लगाया गया और जिस ओर किसी की नजर नही जाती उस ओर मरा हुआ पत्थर और ढोका लगाकर सोलिग किया गया और ढलाई किया गया। अधिकारी बलराम जी से बात करने पर उन्होंने कहा कि पत्थर हमे किसी ने अनुदान में दिया है। पूरा पत्थर नही मिलने से किसी तरह हमने इन सबका प्रयोग किया है और ढलाई 6 इंच है इसलिए बहुत मजबूत है। लेकिन मुख्य बात यह है कि जब टेंडर हुआ है तो पत्थर के पैसे संवेदक को जरूर बिल द्वारा मिलेंगे। तो शायद यह आपसी समझौता का एक हिस्सा हो सकता है। दिलीप ने यह भी कहा कि जब जिले के अंदर आंखों के सामने कई विभागीय इंजीनियरों द्वारा कार्यों को अपनी ही देख रेख में गलत ढंग से कराया जा रहा तो जिले के सुदूर इलाकों के कार्यों की क्या हालत होती है, वह अंदाजा लगाया जा सकता है। तिर्की ने यह भी बताया है कि कुछ दिन पहले जिले के उपायुक्त महोदय से मिलकर उन्होंने आग्रह करते हुए कहा था कि जिले में सारे विकास के काम इन्ही संवेदकों द्वारा कराया जाता है और इस वर्ग के कार्यों में जबतक सुधार नही होगा तबतक कार्यों की गुणवत्ता कभी नही हो सकती और ऐसे विभागीय इंजीनियरों पर जो अपनी देख रेख में ऐसे काम कराते हैं। तो उनपर त्वरित कार्यवाही हो तो शायद ऐसे काम जिले में नही होंगे।

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