माघ पूर्णिमा के मौके पर रामरेखा धाम में तीन दिवसीय अनुष्ठान,लोगों ने किया भगवान के दर्शन

सिमडेगा:रामरेखाधाम में माघ पूर्णिमा के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिनी अनुष्ठान के तहत बुधवार की सुबह आठ बजे से चौबीस घंटे का अखंड हरि-कीर्तन का आयोजन किया गया। जिसका समापन गुरुवार को सुबह आठ बजे होगा। इसके बाद हवन-पूजन, के बाद श्रद्वालुओं के बीच भंडारा महाप्रसाद के साथ मेला का समापन किया जाएगा माघ पूर्णिमा के अवसर पर श्रीराम रेखाधाम में भक्त पहुचें जहा लोगो ने दर्शन किया। वही अखंड हरिकीर्तन में कुलूकेरा, सिकरीबिउरा, दियापत्थल आदि गांवो की मंडली ने भाग लियामाघ पूर्णिमा पर आयोजित मेला में झारखंड, बिहार, ओड़िशा, छतीसगढ़ के श्रद्वालुओं ने धनुष कुंड में स्नान कर पवित्र गुफा में पूजा-अर्चना किया।

उसके बाद बह्मलीन रामरेखा बाबा के समाधि स्थल पर मत्था टेका। संध्या में सत्संग-प्रवचन का आयोजन किया गया। हालांकि झारखंड सरकार के द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन के अनुसार मेला का आयोजन नहीं किया गया केवल मंदिर में दर्शन हेतु प्रसाद एवं अन्य सामग्रियों की दुकान नजर आई प्रत्येक वर्ष यहां पर लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती हैलेकिन प्रशासन ने यहां पर किसी प्रकार की मेला अथवा भीड़ भाड़ का आयोजन नहीं करने की बात कही थी।जिसको देखते हुए सादगी के साथ यह कार्यक्रम संपन्न ।मेला के सफल आयोजन में समिति के अध्यक्ष अमरनाथ बामलिया, ओम प्रकाश अग्रवाल, ओम प्रकाश साहू, लक्ष्मी मुखिया, फणी भूषण साहा मुरारी श्रद्धानंद बेसरा आदि सदस्य लगे हुए हैं।

अच्छे संस्कार का प्रभाव परिवार पर पड़ता है: उमाकांत जी महाराज

रामरेखा धाम के मंहत उमाकांत जी महाराज ने कहा है कि मानव जीवन बड़े सौभाग्य से प्राप्त होता है। दुनिया में जीवन को जी लेना कोई महत्व नहीं रखता। लेकिन किसी के जीवनचर्या से किसी को लाभ प्राप्त होता है तब ही जीवन सफल होता है।इसलिए प्रत्येक मानव के जीवन में ईश्वर के कृपा का होना जरूरी है। जब जीवन में ईश्वर का सानिध्य होता हे तो उस मनुष्य के जीवन में अच्छे संस्कार का संचार होता है। जब मानव में अच्छा संस्कार होता है तो उसका प्रभाव उसके परिवार और समाज पर पड़ता है।

Related posts

Leave a Comment