सिमडेगा:मिचौग सायक्लोन के चलते लगातार तीन दिनों की वर्षा से किसानों के खलिहान में रखे गए फसल भींगने से बर्बाद हो गई जिसको लेकर कांग्रेस के पीसीसी डेलिगेट्स नेता प्रदीप केसरी ने कहा है कि बारिश की वजह से किसान बर्बादी के कगार पर खड़े हैं ।उन्होंने कहा सिमडेगा जिला में सबसे ज्यादा साइक्लोन का असर दिख रहा है ।गुमला लोहरदगा भी इससे पीछे नहीं है 90 से 95% धान की बर्बादी हो चुकी है खालियान और खेतों पर वर्षा से धान गलने के कगार पर है इस भयंकर आपदा से आशा और उम्मीद सरकार पर टिकी हुई है । इस क्षेत्र में छोटे और मंझौल किसानो की ही खेती है ,किसानों को उचित मुआवजा समय पर नहीं दिया जाता है तो पलायन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। सरकार इस पर जल्द से जल्द उचित कदम उठाए।उन्होंने कहा कि अधिकांश किसान आदिवासी एवं दलित हैं, इनका एकमात्र जीविका का साधन है ।यहां के किसान एक ही फसल सिर्फ धान की ही खेती पर निर्भर हैं बाकी समय मजदूरी या दूसरे राज्यों में काम की तलाश में पलायन कर जाते हैं ।सरकार इसको गंभीरता से ले और इसकी विभाग की तरफ से सर्वे का कार्य जल्द से जल्द प्रारंभ करें और सहायता पहुंचते हुए किसान लोन को भी माफ करें । उन्होंने कहा कि ज्ञात है कि आगामी 11 दिसंबर को अन्य मंत्री के अलावा झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का भी सिमडेगा आगमन हो रहा है उनको भी किसान की क्षति के बारे में पार्टी , संगठन एवं सिमडेगा के माननीय विधायक भूषण बाड़ा के द्वारा उचित कदम उठाने ते हुए जानकारी दी जाएगी ताकि किसानों को जल्द से जल्द राहत मिल सके।

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