कर्पूरी जी का पूरा जीवन सादगी और सामाजिक न्याय के लिए समर्पित :संजय ठाकुर

सिमडेगा:नाई समाज सिमडेगा जिलाध्यक्ष कुलदीप ठाकुर के नेतृत्व में बुधवार को अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में कर्पूरी ठाकुर जी की 100 वीं शताब्दी जन्मदिन मनाया गया। अतिथियों के द्वारा कर्पूरी जी के चित्रों पर पुष्पांजलि के साथ द्वीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुवात की गई ततपश्चात जिलाध्यक्ष कुलदीप ठाकुर ने स्वागत भाषण दिया। मौके पर नाई समाज के संरक्षक संजय ठाकुर ने अपने विचारों को रखते हुए कहा कि हमारे जीवन में कई लोगों का प्रभाव रहता है लेकिन हम जिन लोगों से मिलते हैं या संपर्क में रहते हैं, उन लोगों का प्रभाव पड़ना स्वभाविक है लेकिन कुछ ऐसे व्यक्ति भी होते हैं जिनके बारे में आप सुनकर ही आप उनसे प्रभावित हो जाते हैं उन्हीं लोगों में से एक थे हमारे जननायक कर्पूरी ठाकुर थे। कर्पूरी जी की शताब्दी जयंती है जो हमारे समाज के साथ-साथ पूरे पिछड़ी जातियों के लिए गर्व की बात है कर्पूरी जी का पूरा जीवन सादगी और सामाजिक न्याय के लिए समर्पित था, उन्होंने अंतिम सांस तक अपने सरल जीवनशैली और विनम्र स्वभाव के कारण आम लोगों के साथ गहराई से जुड़े रहे। कर्पूरी ठाकुर का अपना नाई जाती समुदाय 1970 के दशक में जनसंख्या का केवल 1.6 प्रतिशत था वे सभी पिछड़ी जातियों को संगठित करने वाले पहले नेताओं में शामिल थे ,तब के दिनों में राजनीतिक में पिछड़ी जातियों के लिए बहुत सीमित स्थान था उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए नवंबर 1978 को बिहार में सरकारी सेवाओं में पिछड़ो के लिए 26 प्रतिशत आरक्षण का मार्ग प्रशस्त किया था। समाजवादी नेता के रूप में वे पहले व्यक्ति थे लेकिन दुर्भाग्यवश हमने कर्पूरी जी को 64 वर्ष की आयु में खो दिया हमने उन्हें तब खोया जब देश को उनकी सबसे अधिक जरूरत थी वो आज भले ही आज हमारे बीच नहीं रहें ,लेकिन जनकल्याण कार्यों की वजह से करोड़ो देशवासियों के दिलों और दिमाग में आज भी जीवित हैं। वे सचमुच एक सच्चे जननायक थे आज के दिन हम सभी को उनके बताए हुआ मार्ग पर चलने की शपथ लेनी चाहिए यही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
समाज के पूर्व जिलाध्यक्ष रमेश ठाकुर ने भी कर्पूरी ठाकुर के जीवनी को विस्तार पूर्वक बताते हुए कहा कि कर्पूरी जी की 100 जयंती पर भारत सरकार ने महानायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है जिससे सिमडेगा जिला नाई समाज में खुशी की लहर है ।कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजेंद्र ठाकुर,दिनेश ठाकुर,बजरंग ठाकुर,राजकुमार ठाकुर,लक्ष्मण ठाकुर,ललन ठाकुर,राजू ठाकुर,सुरेंद्र ठाकुर,विजय ठाकुर,बीरेंद्र ठाकुर,टापू ठाकुर,नन्दकिशोर ठाकुर के अलावे सैकड़ो समाज के लोग उपस्थित थे।