बी.एन. जालान कॉलेज, सिसई में संस्कृत सप्ताह का समापन समारोह

सिसई:– बी.एन. जालान कॉलेज, सिसई में भारतीय संस्कृति और भाषा के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से संस्कृत सप्ताह से काॅलेज प्रचाय लक्ष्मण साहू की अध्यक्षता मे किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंगलाचरण के साथ किया गया।इस मौके पर मुख्य अतिथि, राँची विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग के भूतपूर्व अध्यक्ष,डॉ. मोहन गोप ने संस्कृत भाषा की महत्ता और उसकी प्रासंगिकता पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने संस्कृत को भारतीय सभ्यता की आत्मा बताया और कहा कि यह भाषा केवल एक शैक्षिक विषय नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है। उन्होंने संस्कृत के अध्ययन से मिलने वाले आंतरिक संतोष और ज्ञान के महत्व पर बल देते हुए छात्रों को इसे जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने का आग्रह किया। उन्होंने संस्कृत के शास्त्रों की समृद्धि और उनकी गहनता पर भी प्रकाश डाला, जो आज भी विश्वभर में अद्वितीय हैं।मुख्य वक्ता, राजकीय संस्कृत महाविद्यालय, राँची के संस्कृत विभाग के अध्यक्ष, डॉ. शैलेश कुमार मिश्र ने संस्कृत भाषा की प्राचीनता और वैज्ञानिकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संस्कृत न केवल धार्मिक ग्रंथों की भाषा है, बल्कि यह विज्ञान, गणित, खगोलशास्त्र और अन्य कई विषयों की भाषा भी रही है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि संस्कृत के ज्ञान से हमें न केवल भारतीय संस्कृति की गहरी समझ होती है, बल्कि यह विश्व के अन्य सभ्यताओं के साथ संवाद स्थापित करने में भी सहायक होती है।सारस्वत अतिथि, राँची महिला महाविद्यालय के संस्कृत विभाग की अध्यक्ष, डॉ. उषा किरण ने छात्रों में संस्कृत के प्रति रुचि जागृत करने के लिए नवीन तरीकों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संस्कृत को आधुनिक शिक्षण विधियों से जोड़ना समय की मांग है।
विशिष्ट अतिथि, डॉ. दीपचन्द राम कश्यप ने संस्कृत भाषा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर जोर देते हुए कहा कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने बताया कि संस्कृत का अध्ययन जीवन को समृद्ध बनाने के साथ-साथ सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा देता है।समारोह का संचालन बी.एन. जालान कॉलेज, सिसई के संस्कृत विभाग के अध्यक्ष, डॉ. पारंगत खलखो ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डा. कृष्ण प्रसाद साहू ने किया।इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ, शिक्षकगण और स्थानीय लोग उपस्थित थे। समारोह का समापन शान्ति पाठ के साथ हुआ। इस प्रकार संस्कृत सप्ताह का यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसने संस्कृत भाषा के महत्व को पुनः स्थापित किया और छात्रों में इस भाषा के प्रति प्रेम और सम्मान को जागृत किया।इस अवसर पर अन्य लोगों के अतिरिक्त डा. श्रवण कुमार तिवारी, डा. विष्णु देव तिवारी, डा. आदित्य विक्रम देव, प्रो. साहू प्रकाश लाल, डा. जगदम्बा प्रसाद, डा. राहुल कुमार, रोहित शर्मा आदि उपस्थित थे।

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