सिमडेगा: चौथी लहर की आहट के बीच जिले में कोरोना जांच केन्द्र में ताला लटकने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है । जिले के ट्रुनेट जांच लैब में एक अप्रैल से ही ताला लटका है । जिस कारण ट्रुनेट जांच तो पुरी तरह से ठप ही है वहीं आरटीपीसीआर जांच में भी भारी गिरावट आई है।जांच केन्द्र में न तो कोई स्वास्थ्य कर्मी है और न ही यहां जांच के लिए पर्याप्त मात्रा में कीट उपलब्ध है।पूर्व में जहां लोग सीधे ट्रुनेट जांच लैब में जाकर कोरोन जाचं करा लेते थे। लेकिन अब डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही कोरोना जांच करा सकते हैं ।
जानकारी के अनुसार जिस रोगी में कोरोना को सिमटम दिखाई देता है , सिर्फ उसी व्यक्ति का ही कोरोना जांच रैपिड कीट के माध्यम से किया जा रहा है बताया गया कि कोविड में बहाल स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा समाप्ति के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है । इससे पहले ही स्वास्थ्य कर्मियों ने काफी दिनों तक काम किया था लेकिन जांच बंद होने का बात करते हुए पत्र जारी करते हुए सभी कर्मियों को निकाल दिया गया जिसके बाद अब जांच का आलम यह है कि अब यहां पर जांच नहीं होती है और लोगों के साथ परेशानी बढ़ गई है। महज से 10 से 15 लोगों की ही होती है कोरोना जांच इन दिनों कोरोना जांच की रफ्तार इस कदर धीमी चल रहा है कि रोजाना महज 10 से 15 लोगों का ही सिर्फ रैपिड से ही जांच हो पा रहा है हांलाकि जिले में पॉजिटिविटी शुन्य के बराबर है ।

इधर एक माह के अंतराल में जिले में एक भी कोरोना के नए मरीज नहीं मिले है वहीं आरटीपीसीआर एवं ट्रुनेट जांच ठप पड़ा है । बताया गया कि जनवरी और फरवरी माह में रोजाना औसतन 1500 से 2000 लोगों का कोरोना जांच हो रहा था । सीएस डा पीके सिन्हा ने बताया कि जिले में कोरोना के संक्रमण दर के गिरावट में काफी कमी आई है । जांच कीट की कमी की वजह से जरुतमंद लोगों का डॉक्टरों के सलाह के बाद कोरोना जांच किया जा रहा है । उन्होने बताया कि जिले में फिलहाल सिर्फ रैपिड कीट से ही कोरोना जांच हो रहा है ।
इधर ट्रूनेट जाँच बंद होने से लोगों के अंदर कई सवाल उत्पन्न हो रहे हैं लोगों का कहना है कि पूर्व में जो काम कर रहे कर्मियों की वजह से लोगों को कोरोना जांच में किसी प्रकार का दिक्कत नहीं होता था लेकिन जिस प्रकार से स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें निकाल दिया इससे अब जांच पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है और इस प्रकार से अलग-अलग क्षेत्रों में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं ऐसे में सिमडेगा जैसे जगह में अगर जांच लैब में ताला लटका हुआ रहेगा तो आने वाले दिनों में सिमडेगा के लिए भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती।
