सिमडेगा:- सेंट्रल अंजुमन इस्लामिया सिमडेगा द्वारा उर्दू स्कूल पर 13 जुलाई को प्रसारित न्यूज़ चैनल एवं 14 जुलाई को अखबार में छपे राजकीयकृत उर्दू मध्य विद्यालय भट्टीटोली एवं खैरनटोली विद्यालय के बारे में खबर पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि लिखा गया है कि उक्त विद्यालयों में कोविड-19 के बाद प्रार्थना का स्वरूप को बदल दिया गया और यहां गैर मुस्लिम छात्र छात्राओं को हाथ जोड़कर प्रार्थना करने के लिए मना किया जाता है तथा जबरदस्ती उन्हें दुआ पढ़ने के लिए मजबूर किया जाता है यह खबर को सिरे से खारिज करते हुए निराधार बताया है तथा इस खबर से मुस्लिम समाज में आहत एवं आक्रोशित होने की बात कही गई। साथ ही कहां गया कि सच्चाई यह है कि उर्दू मध्य विद्यालय 1958 में खैरनटोली, एवं 1962 में भट्टीटोली में स्थापना हुई तब से लेकर अब तक दोनों ही स्कूलों में डॉक्टर इकबाल की लिखी दुआ बनकर लब पे आती है तमन्ना मेरी पढ़ाया जाता है ।साथ ही किसी भी छात्र छात्रों को दुआ पढ़ने एवं हाथ जोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाता है उपरोक्त विषय पर सेंट्रल अंजुमन इस्लामिया के सभी पदाधिकारी मिलकर निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई करने की मांग किया है। ताकि भविष्य में किसी भी एक समुदाय विशेष पर टारगेट ना हो।
