बानो:प्रखण्ड के महाबुवांग थाना क्षेत्र के के बेड़ाईरगी क्षेत्र के बिरनीबेडा़ मे तीन गरीब परिवार के उजाड़े आशियाने।मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र में जंगली हाथियों के आतंक इन दिनों चरम पर पहुंचा चुका है। आये दिन जंगली हाथियों के द्वारा घरों को निशाना बनाया जा रहा है। जिससे ग्रामीण भयभीत और चिंतित है।ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार बेड़ाईरगी के बिरनीबेडा़ गांव में घुस कर जंगली हाथियों ने तुरतन कन्डुलना,मसीह कन्डुलना, अमृत कन्डुलना और मातियास जोजो घरों को ध्वस्तकर दिया ज्ञात हो कि बेडा़ईरगी ग्राम के आस पास हाथियों का झुंड पिछले दो सप्ताह में 13 घरों को क्षतिग्रस्त किया गया है, जंगली हाथियों के हमले से यहां के स्थानीय जनताएं वन विभाग के प्रति आक्रोशित है।आपको बताते चले की अगर समय रहते ग्रामीणों को जंगली हाथियों से निजात नहीं मिलती या कहें इस पर वन विभाग के द्वारा कार्रवाई नहीं होती है तो मजबूरन वन विभाग कार्यालय का घेराव करने की तैयारी में है ग्रामीण। साथ ही ग्रामीण रात जगा करते करते परेशान है कब किसके घर को जंगली हाथी निशाना बना लें ये किसी को नहीं पता। जंगली हथियों के द्वारा आएं दिन घरों को ध्वस्त किया जा रहा है, घर में रखे भंडारण अनाजों को भी नष्ट किया जा रहा है।खेतों में लगे फसलों को नष्ट कर दिया जा रहा है ।

जिससे ग्रामीण चिंतित और दहस्त में है ग्रामीणों की मांग है की जल्द से जल्द जंगली हाथियों को भगाया जाएं।इस सम्बंध में बानो रेंजर अभय कुमार से बात किया गया तो उन्होंने कहा की वन विभाग की टीम घटनास्थल में जाकर क्षति का आकलन कर के जो भी नुक़सान हुई है ।उसका सरकारी प्रावधान के अनुसार मुआवजा जल्द से जल्द दिलाने की बात कहा उन्होंने बताया कि क्षेत्र में हाथी का पुनःआगमन का कारण मादक पदार्थ हो सकता है उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया है कि घर में मादक पदार्थ न रखे एवं ना ही मादक पदार्थ का निर्माण करे क्यों की हाथी अक्सर वैसे घरों को नुक़सान पहुंचाती है। जिस घर में मादक पदार्थ होते है या इसका निर्माण करते है उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि घर में मादक पदार्थ का ना तो निर्माण करे और ना ही घर में रखे।बानों वन क्षेत्र पदाधिकारी रेंजर अभय कुमार ने बताया की हाथी भगाने वाली टीम जो की बाकुड़ा की है जिससे संपर्क किया गया है तथा एक टीम जामताड़ा की है उससे भी संपर्क किया जा रहा है। बहुत जल्द हाथी भगाने के लिए टीम लाया जाएगा ताकि जंगली हाथियों को भगाया जा सके और ग्रामीणों को नुकसान नहीं हो। बरसात के दिनों में लोगो को खेतों में काम करना भी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।रात होते ही लोग दुबक कर रह जाते है।
