सिमडेगा:बंगाल के मौलाना रमजानुल होदा ने कहा कि भारत सूफी संतो की भूमि है। और ख्वाजा गरीब नवाज अल्लाह के वली है। जो भी लोग उनके दर पर जाकर मुरादें मांगते है वे अल्लाह के फजल की बुनियाद पर उनकी मुरादे पूरी करते है। मौलाना होदा सोमवार की रात खैरनटोली स्थित मोजाहिद मुहल्ला में आयोजित जश्न ख्वाजा गरीब नवाज कांफ्रेंस में उपस्थित इस्लाम धर्मावलंबियो को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस्लाम आतंकवाद को पसंद नहीं करता है। उन्होने कहा कि पैगम्बर मुहम्मद ने आज से चौदह सौ वर्ष पहले दुनिया वालों को जो बातें बतायी थी, वह सत्य है। उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज अल्लाह के वली है। उन्होंने समस्त लोगों से अल्लाह के वलियों से मोहब्बत करने की अपील की। उन्होंने उपस्थित लोगो से अपने अपने बच्चों को इस्लामी शिक्षा देने की भी जरुरत बतलाते हुए मजिस्दों में पांच वक्त नमाज पढ़ने की बात कही। साथ ही उन्होंने अपने गुनाहो से तौबा करने की अपील करते हुए सभी लोगो से प्रेम और भाईचारे के साथ रहकर जिंदगी गुजारने की बात कही। उन्होने रोटी,कपडा और मकान से पहले अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने पर जोर देते हुए कहा कि इस्लाम अमन व शांति का मजहब है। उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज जब हिंदुस्तान आए तो उनके पास सिर्फ कुरान, तस्बीह और जायनमाज था। उन्होंने अपने किरदार से हिंदुस्तान में इस्लाम धर्म को परवान चढ़ाया। और वे अपने फजल की बुनियाद पर किसी को हिंदुस्तान की हुकुमत सौंप दी। उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की बहुत सारी करामते है। मौलाना होदा ने दुनियावी शिक्षा के साथ साथ दीनी शिक्षा पर भी जोर दिया। कार्यक्रम में लोहरदगा से भी आए मौलाना ने अपने उदगार व्यक्त करते हुए अल्लाह के वलियो से मुहब्बत करने की अपील की। जलसे में मशहूर शायर भागलपुर के अनवर रजा फैजी और राजगांगपूर के नजीर साहब ने भी बेहतरीन अंदाज में नातिया कलाम पेश किया। जिससे लोग झुमने पर मजबूर हो गए। वहीं मंच संचालन की जिम्मेवारी गिरिडीह के मो कौसर रजा ने निभाई। अंत में देर रात सलातो सलाम और मौलाना रौशनुल कादरी के दुआओं के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सदर मो इस्लाम, मो कयूम, हाजी इमरोज खान, अलाउददीन खान सहित समस्त मुहल्लेवासियो की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
