कोलेबिरा:- कहते हैं इंसान सांपों से हमेशा बचकर रहता है और सांप काटने से कई बार इंसानों की जान चली जाती लेकिन कहीं इंसान ऐसे भी है जो सांपों को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं ताकि इस पृथ्वी पर सांपों का अस्तित्व बना रहे ऐसे ही सिमडेगा जिले के कोलेबिरा प्रखंड से एक युवक है जो सांपो को बचाने के लिए प्रयास कर रहे।हम जिक्र कर रहे हैं कोलेबिरा के अनुपम कुमार का जिसे लोग स्नेक लवर के नाम से भी जानते हैं, जिस उम्र में छात्रों का मस्ती करने का समय होता है उस उम्र में अनुपम भटके हुए सांपों को पकड़ कर उनकी जान बचाते हैं। सांपों को देखकर लोग डर कर घबरा जाते हैं वही अनुपम उनसे दोस्ती कर लेते हैं। अनुपम रांची के डोरंडा वन भवन में काम कर चुके हैं, उन्हें राँची के वन विभाग के तरफ से सांप पकड़ने वाला समान भी मिला हुआ था। ऐसा नहीं है कि अनुपम को डर नहीं लगता है, लेकिन झारखंड में पाए जाने वाले अधिकतर सांप विषैले नहीं होते हैं लेकिन कुछ विषैली प्रजातियां भी हैं। इन्हें सांपों को पकड़ने के लिए अक्सर वन विभाग से फ़ोन कर बुलाया जाता है।अनुपम को सांपों से लगाव बचपन से है, इस वजह से वह सांपों को मारने नहीं देते हैं और स्वयं रेस्क्यू कर उनकी जान बचाते हैं। यदि किसी के घरों में जहरीले सांप निकलते हैं और अनुपम को इसकी जानकारी होती है तब वो अपनी जान की परवाह किये बिना सांप को पकड़ कर उनकी जान बचाते हैं।अनुपम सांपों को पकड़ने के बाद चोटिल सांपों का प्राथमिक उपचार कर जंगलों में और ओरमांझी के सांप घर मे छोड़ देते हैं।सांप ज्यादातर बरसात के मौसम में बिलों में पानी भरने के कारण बाहर निकल कर घरों में घुस जाते हैं, जिस कारण बरसात के दिनों सर्पदंश की घटना अक्सर सुनने को मिलता है।साँप अपने बचाव में हमला करते हैं इस लिए साँपो को छेड़ना नहीं चाहिए।झारखंड में पाए जाने वाले ज्यादातर सांप रसैल वाईपर, करैत, कोबरा, रैट स्नेक, धोड़, धमन, कराइट, कॉमन करैत आदि पाए जाते हैं।अनुपम बताते हैं कि यदि किसी को सांप काट ले तो उपचार के तौर पर घाव को पानी से अच्छी तरह साफ कर ले, जिस जगह सांप काटा है उस जगह कपड़े से या राशि से हल्का बांधे और तुरंत डॉक्टर के पास उपचार के लिए जाएं। सांप के काटने पर झाड़-फूंक के चक्कर पर बिल्कुल ना पड़े।गुरुवार को भी कोलेबिरा के पंचम प्रसाद के घर से रेस्क्यू कर एक सांप को पकड़ कर जंगल में छोड़ा , साथ ही उन्होंने बताया की कोलेबिरा निवासी पंचम प्रसाद के यहां यह तीसरा मामला है जब उन्होंने सांप को पकड़ा, इससे पहले भी वह दो बार जहरीला सांप को पकड़कर लोगों की जान बचाई है पर सरकार की तरफ से इस काम के लिए कोई भी सुविधा या सम्मान नहीं मिलती है और ना बढ़ावा दिया जाता है जिससे और लोग जागरूक होकर इस तरह का काम में अपना प्रतिभा बढ़ा सकें l बताते चले इन दिनों सिमडेगा जिला और गुमला जिला में सर्पदंश का बहुत ज्यादा मामला सामने आ रही है जिससे कई लोगों की जान चली जा रही है फिर भी लोग इसके प्रति गंभीर सजग नहीं है l


