सिमडेगा में बेरोजगारों को विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण देने का निर्देश

सिमडेगा:उपायुक्त  सुशांत गौरव की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला स्तरीय आरसेटी सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन हुआ। उपायुक्त ने ग्रामीण बेरोजगार युवक-युवतियों को विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण देकर उन्हें सरकार की योजना रोजगार सृजन से जोड़ने तथा उनके आर्थिक जीवन को सशक्त बनाने हेतु महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए। आरसेटी से प्रशिक्षित प्रशिक्षणार्थिंयों का अर्द्धवार्षिक मिलन समारोह किया जाए एवं उन्हें पलाश एवं जोहार के माध्यम से बाजार की उपलब्धता, मार्केटिंग कनेक्टिविटी, मार्केट लिंकेज, मार्केट संभावना को खोजा एवं एमओयू साइन करें। उन्होंने 15 जनवरी तक लचरागढ़, कोलेबिरा एवं बानो प्रखंड का सर्वे कर लचरागढ़ में कैंप लगाकर लाह से चुड़ी बनाना, लाह प्रोसेसिंग एवं अन्य विषय पर प्रशिक्षण दें। बेरोजगार युवक-युक्तियों को यहां के मौसम, सीजन एवं महीने के आधार पर मिलने वाले प्रोडक्ट पर समीक्षा कर प्लान तैयार कर प्रशिक्षण देने का कार्य करने का निर्देश दिया।उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों के लिए ससमय ऋण की उपलब्धता  कराने हेतु एलडीएम नाबार्ड को बैंक प्रबंधक से 7 जनवरी को बैठक करने का निर्देश दिया। प्रशिक्षणार्थियों को ट्रेनिंग के साथ-साथ टेक्नोलॉजी एवं इकोनॉमिकली प्रोजेक्ट बनाने संबंधित प्रशिक्षण देने की बात कही।बैठक में डायरेक्टर आरसेटी, एलडीएम, डीपीएम जेएसएलपीएस एवं अन्य उपस्थित थे

नाबार्ड और सहभागी विकास संस्था द्वारा किसानों को दी जा रही है सब्जी खेती और पशुपालन पर प्रशिक्षण

जलडेगा :प्रखण्ड के बलडेगा में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंकके सहयोग से सहभागी विकास, सिमडेगा संस्था द्वारा एलईडीपी  परियोजना के अन्तर्गत एकीकृत खेती मुर्गी पालन, बकरी पालन एवं सब्जी खेती विषय पर महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों का 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के 9वें दिन में महिला समूहों के सदस्यों को पशुपालन व डेयरी फार्मिंग का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में महिला किसानों को पशुपालन से होने वाले फायदे व इस कार्य की तकनीकी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में पशुपालन जानकार सिलबेस्तर आइंद ने किसानों को कुक्कुट के झारसीम, रेड दिव्यायान, कड़कनाथ सहित विभिन्न नस्लों की पहचान एवं विशेषता, आवास व आहार प्रबंधन की व्यावहारिक तकनीकों से अवगत कराया। इस फार्म के हेचरी यूनिट में मुर्गी के चूजे का निष्कासन तथा टीकाकरण की आवश्यकता की जानकारी दी। गव्य फार्म में किसानों को गिर, साहीवाल, थारपारकर, फ्रोजन आदि गौ नस्लों की विशेषताओं एवं उन्नत तकनीकी प्रबंधन से प्रत्यक्ष रूबरू कराया। वहीं सुकर फार्म में झारसुक, पूर्णिया सहित सूकर की विभिन्न प्रजातियों का आवास एवं आहार प्रबंधन, रेल यार्ड एवं क्रिप्स बॉक्स के फायदे, नवजात छौनों का एनीमिया से बचाव एवं टीकाकरण का सही समय व लाभ के बारे में जानकारी दी। वहीं उन्होंने महिला किसानों को स्वस्थ पशु, अस्वस्थ पशु की पहचान, पशुओं में होने वाली मुख्य बीमारी, पशुओं का सही समय पर टीकाकरण एवं बीमारियों के उपचार संबंधी जानकारी के अलावा कृत्रिम गर्भाधान के बारे में बताया गया।मौके पर उपस्थित आलोक कुमार ने महिला किसानों से नाबार्ड और सहभागी विकास द्वारा दिए जा रहे दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ उठाकर अपनी आमदनी को बढ़ा कर आत्मनिर्भर बनने कि अपील की, साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि के साथ पशुपालन को अपनाकर भी किसान अच्छी खासी आमदनी में इजाफा कर सकते हैं। इस दौरान कलिंद्र प्रधान सहित महिला समूह के सदस्य उपस्थित थे।

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