उग्रवादियों का गढ़ रहे रूंघुडेरा में हॉकी सिमडेगा के पदाधिकारियों ने श्रमदान से बनाया हॉकी मैदान

केरसई:नए वर्ष के उपलक्ष में जहां लोग अपने परिवार सगे संबंधियों के साथ पिकनिक या हर्षोल्लास के साथ मनाने में व्यस्त थे वहीं हॉकी सिमडेगा के पदाधिकारी सिमडेगा जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर जिला के अंतिम सीमा पर केरसई प्रखंड अंतर्गत सुदूर जंगलों पहाड़ों से बसें गांव रूंघूडेरा पहुंचे वहा विकास की किरण शून्य के बराबर है ना बिजली है, ना सड़क है लगभग 06 किलोमीटर पथरीली रास्ते के सहारे वहा जाना पड़ता है पेयजल के लिए भी चुआ पर ही निर्भर होना पड़ता है, साथ ही इस गांव में चारों ओर पहाड़ों से घिरे होने के कारण हाथियों का भी प्रकोप हमेशा होता रहता है जब उग्रवाद चरम पर था तो यहां पीएलएफआई, पहाड़ी चीता जैसे उग्रवादी संगठन का सुरक्षित आश्रय गृह था क्योंकि यहां पहुंचना आसान नहीं है साथ नेटवर्क भी नहीं है । गांव में एक विद्यालय है लेकिन विद्यालय तक पहुंचना बहुत ही कठिन काम है क्योंकि गांव और विद्यालय के बीच में पहाड़ी पगडंडी में गहरा नाला के साथ जंगली झाड़ियों से भरा रास्ता है। शिक्षक भी नही के बराबर आते है।50 परिवार वाले इस गांव की जनसंख्या लगभग 250 है, और सभी के सभी अनुसूचित जनजाति के सदस्य हैं।पिछले दिनों एक खेल के कार्यक्रम में इसी गांव के ही सामाजिक कार्यकर्ता आसमान मांझी ने हॉकी सिमडेगा का अध्यक्ष मनोज कोनबेगी से अपने गांव में हॉकी को बढ़ावा देने और मैदान के लिए बात कही इस पर हॉकी सिमडेगा के अध्यक्ष ने उनसे कहा कि सबसे पहले गांव में हॉकी का अभय शुरू करना होगा और गांव के ही किसी खाली पड़ी जमीन या कोई जमीन दाता मिल जाए तब उस पर हम लोग खुद से जब मैदान का निर्माण कर खेल का प्रारंभ करेंगे,तब धीरे-धीरे जब यहां की प्रतिभा बाहर आएगी तो खुद ब खुद लोग यहां अच्छे खेल मैदान देंगे। जिस पर आसमान मांझी ने अपनी निजी जमीन मैदान के लिए देने की बात कही ।जमीन दाता मिलते ही आज हॉकी सिमडेगा के अध्यक्ष मनोज कोनबेगी, कोषाध्यक्ष श्री कमलेश मांझी एवं राष्ट्रीय हॉकी एंपायर मनोज प्रधान तथा पड़ोस गांव के नरेंद्र मांझी नए वर्ष के दिन गांव पहुंचे और आपस के बुजुर्गों, युवाओं से बात कर आसमान मांझी द्वारा दिए गए जमीन को श्रमदान कर मैदान बनाने की शुरुआत की और उन्होंने कहा कि जब यह मैदान पूरा हो जाएगा तो जनवरी के अंतिम सप्ताह में हॉकी सिमडेगा के द्वारा आसपास जो भी 4 किलो मीटर रेडियस में जंगल में बसे गांव के छोटे-छोटे बच्चों के बीच हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन करेगी और जो बेहतर खिलाड़ी हैं उनको पुरस्कार के साथ आगे बढ़ाने के काम करेगी,और नए वर्ष का पिकनिक भी उसी दिन होगा। जिस पर युवाओं में काफी जोश आया और उन्होंने आज से ही खुद से मैदान बनाने की ठानी है ।

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